अनुराग ठाकुर ने भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर की रणनीतिक महत्ता पर प्रकाश डाला
भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर का महत्व
हमीरपुर: पूर्व केंद्रीय मंत्री और हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने हाल ही में फ़्रांस में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत-मिडिल ईस्ट-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर (IMEC) को रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने इस कॉरिडोर के संभावित लाभों पर अपने विचार साझा किए।
अनुराग ठाकुर ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुशल आर्थिक नीतियों के कारण भारत ने पिछले एक दशक में अपनी अर्थव्यवस्था को दसवें से चौथे स्थान पर पहुँचाया है। रिपोर्टों के अनुसार, भारत 2028 तक तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की दिशा में अग्रसर है। हमारे पास दुनिया का सबसे युवा कार्यबल है और सरकार अनुसंधान एवं विकास में बढ़ते निवेश के साथ नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। IMEC कनेक्टिविटी के लिए एक परिवर्तनकारी दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है और यह भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।"
उन्होंने आगे कहा, "IMEC एक रणनीतिक मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी पहल है, जिसे 2023 में नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भारत, अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय संघ के सहयोग से लॉन्च किया गया था। यह अरब प्रायद्वीप और भूमध्य सागर के माध्यम से भारत को यूरोप से जोड़ता है। IMEC व्यापार सुविधा और बुनियादी ढांचे के विकास के अलावा, एक भू-रणनीतिक जीवन रेखा के रूप में कार्य करता है।"
अनुराग ठाकुर ने चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) की आलोचना करते हुए कहा कि यह ऋण निर्भरता और संप्रभुता के क्षरण का कारण बनता है। उन्होंने IMEC को भारत का जवाब बताया, जो पारदर्शी और नियम-आधारित है। IMEC पारंपरिक मार्गों की तुलना में शिपिंग समय को 40% और रसद लागत को 30% तक कम करता है। यह एक आर्थिक परियोजना के साथ-साथ भू-राजनीतिक प्रतिक्रिया भी है।"
उन्होंने कहा, "जहां चीन 'ऋण कूटनीति' का निर्माण कर रहा है, वहीं हमारा लक्ष्य 'विकास कूटनीति' का निर्माण करना है।"