×

अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच फ्रेंडशिप गेट का हाल

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर हाल ही में झड़पों ने दोनों देशों के रिश्तों को फिर से संकट में डाल दिया है। स्पिन बोल्ट का फ्रेंडशिप गेट, जो कभी संबंधों का प्रतीक था, अब जर्जर हो चुका है। स्थानीय लोगों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इस लेख में हम सीमा पर बढ़ते तनाव और इसके संभावित परिणामों पर चर्चा करेंगे।
 

फ्रेंडशिप गेट की जर्जर स्थिति

अफगानिस्तान और पाकिस्तान को जोड़ने वाला प्रसिद्ध स्पिन बोल्ट का फ्रेंडशिप गेट अब टूट चुका है। यह दरवाजा कभी दोनों देशों के बीच संबंधों का प्रतीक माना जाता था, लेकिन अब इसकी स्थिति बेहद खराब हो चुकी है। पहले यह दरवाजा मजबूती से खड़ा था, लेकिन अब यह गोलीबारी और धमाकों के निशानों से भरा हुआ खंडहर बन गया है।


जून 2025 की पुरानी तस्वीरें यह दर्शाती हैं कि यह दरवाजा कुछ महीने पहले तक सुरक्षित और व्यापारिक गतिविधियों का गवाह था। हाल ही में, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच सीमा पर झड़पें तेज हो गई हैं, जिससे दोनों देशों के रिश्तों में फिर से तनाव आ गया है।


बॉर्डर के दोनों ओर भारी गोलीबारी हुई, जिससे स्थानीय लोगों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।


सीमा पर झड़पों का विवरण

सीमा पर रातभर अफरातफरी का माहौल रहा। अफगान पक्ष का कहना है कि पाकिस्तान की सीमा सुरक्षा बलों ने पहले हमला किया, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज किया है। तालिबान सरकार के उप प्रवक्ता हमदुल्लाह फ़ितरत ने बताया कि पाकिस्तान ने कंधार के स्पिन बोल्टक पर हमला किया, जिसमें अफगान पक्ष के पांच लोग मारे गए।


पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के प्रवक्ता मुशर्रफ जैदी ने कहा कि तालिबान ने बिना उकसावे के गोलीबारी की। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान अपनी क्षेत्रीय अखंडता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह सतर्क है।


तनाव और भविष्य की संभावनाएँ

तहरीक तालिबान पाकिस्तान, जो एक आतंकी संगठन है, अब पाकिस्तान की सरकार और सेना को निशाना बना रहा है। जब पाकिस्तान टीटीपी से निपटने में असफल होता है, तो वह इसका दोष अफगानिस्तान पर डालने की कोशिश करता है। फ्रेंडशिप गेट का टूटा हुआ ढांचा अब केवल एक इमारत का नुकसान नहीं, बल्कि एक ऐसे रिश्ते का प्रतीक है जो भरोसे और स्थिरता की तलाश में संघर्ष कर रहा है।


इस सीमा संघर्ष ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या दोनों देश इस तनाव के चक्र से कभी बाहर निकल पाएंगे या यह विवाद और बढ़ेगा।