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अमरनाथ यात्रा 2025: सुरक्षा के लिए सेना ने शुरू की तैयारी

अमरनाथ यात्रा 2025, जो 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी, के लिए सुरक्षा तैयारियों को लेकर सेना और पुलिस ने व्यापक कदम उठाए हैं। पंजीकरण 14 अप्रैल से शुरू हो चुका है। सुरक्षा बलों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त बढ़ा दी है और स्थानीय ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी है। यात्रा के लिए पहलगाम और बालटाल से दो रूट उपलब्ध हैं। जानें यात्रा की सुरक्षा और रूट की पूरी जानकारी।
 

अमरनाथ यात्रा की शुरुआत

अमरनाथ यात्रा 2025: इस वर्ष अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से आरंभ होकर 9 अगस्त तक चलेगी, जो कुल 38 दिनों तक चलेगी। यात्रा में शामिल होने के लिए पंजीकरण 14 अप्रैल से प्रारंभ हो चुका है। अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में सेना को सतर्क किया गया है। सुरक्षा एजेंसियां हर जगह कड़ी निगरानी रख रही हैं। इसी संदर्भ में, हीरानगर के सीमावर्ती क्षेत्रों में मंगलवार को एक व्यापक सर्च ऑपरेशन चलाया गया। पुलिस और सुरक्षा बलों की संयुक्त टीमों ने संवेदनशील गांवों, खेतों, नालों और खाली मकानों की गहन जांच की। इस ऑपरेशन का उद्देश्य किसी भी संदिग्ध गतिविधि, घुसपैठ या आतंकवाद से संबंधित संभावनाओं को समय पर नाकाम करना है।


सुरक्षा जांच का कड़ा प्रबंध

सुरक्षा जांच का कड़ा प्रबंध


पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित और शांतिपूर्ण बनाने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में गश्त को बढ़ा दिया गया है। विभिन्न स्थानों पर नाके स्थापित किए गए हैं और आने-जाने वालों की सख्त जांच की जा रही है। प्रशासन और सुरक्षा बलों ने आश्वासन दिया है कि यात्रा को हर हाल में सुरक्षित बनाया जाएगा और किसी भी प्रकार की आतंकवादी साजिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा।


ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह

ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह


सुरक्षा बलों ने स्थानीय ग्रामीणों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना। इसके साथ ही, उन्हें सतर्क रहने की सलाह दी गई। स्थानीय लोगों को यह भी कहा गया कि यदि कोई संदिग्ध गतिविधि दिखाई दे, तो तुरंत सुरक्षा एजेंसियों को सूचित करें। सुरक्षाबलों ने ग्रामीणों की सहायता से अमरनाथ यात्रा को सफल बनाने की योजना बनाई है, ताकि यात्रा के दौरान आतंकियों को कोई मौका न मिले।


यात्रा के रूट

यात्रा के रूट


अमरनाथ धाम तक पहुँचने के लिए पहलगाम और बालटाल से यात्रा शुरू होती है। पहलगाम का मार्ग 48 किलोमीटर लंबा है और इसमें तीन दिन लगते हैं, लेकिन यह रास्ता आसान है। इस मार्ग में चंदनवाड़ी तक जाने के लिए 16 किलोमीटर की यात्रा करनी होती है, इसके बाद शेषनाग, पंचतरणी और अंत में गुफा तक पहुँचते हैं। वहीं, बालटाल का मार्ग 14 किलोमीटर लंबा है, लेकिन इसकी चढ़ाई काफी कठिन है।