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अमर्त्य सेन ने भारतीय लोकतंत्र में सुप्रीम कोर्ट की भूमिका की सराहना की

कोलकाता में, नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने भारतीय लोकतंत्र में सुप्रीम कोर्ट की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि अब वह इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन को लेकर कम चिंतित हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इसे महत्वपूर्ण माना है। सेन ने सरकारी संस्थाओं की नाकामी पर भी चिंता व्यक्त की और सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप को लोकतंत्र की रक्षा के लिए आवश्यक बताया। उनका यह बयान लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की जवाबदेही पर चर्चा को बढ़ावा देता है।
 

सुप्रीम कोर्ट की सक्रियता पर अमर्त्य सेन की टिप्पणी

कोलकाता, पश्चिम बंगाल में, प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने भारतीय लोकतंत्र में सुप्रीम कोर्ट की सक्रियता की सराहना की है। उन्होंने हाल ही में एक बयान में कहा कि अब वह सिस्टम ऑफ इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन (एसआईआर) को लेकर कम चिंतित हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इसे भारतीय लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण माना है।


मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सेन ने सुप्रीम कोर्ट के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा, "मैं अब एसआईआर के बारे में कम चिंतित हूँ... सुप्रीम कोर्ट ने यह भी बताया है कि यह मुद्दा भारतीय लोकतंत्र के लिए कितना महत्वपूर्ण है। इसलिए मैं खुश हूँ कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में भारत के लोगों के लिए काम कर रहा है, भले ही सरकारी संस्थाएं अपनी ज़िम्मेदारी निभाने में विफल रही हों।" सेन का यह बयान सुप्रीम कोर्ट की उस भूमिका को उजागर करता है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण साबित हो रही है।




सरकारी संस्थाओं की नाकामी पर चिंता व्यक्त की


सेन ने अपने बयान में यह भी बताया कि सरकारी संस्थाएं कई बार अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं कर पातीं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप न केवल महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक आशा की किरण भी है। उनके इस बयान ने देश में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और संस्थाओं की जवाबदेही पर चर्चा को और तेज कर दिया है।