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अमित शाह का राहुल गांधी पर तीखा हमला: सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाने का आरोप

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस सोशल मीडिया के माध्यम से जनता में भ्रम फैला रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा का जनता से सीधा संवाद कहीं अधिक प्रभावी है। शाह ने राहुल गांधी की सोशल मीडिया पर वायरल हो रही रील्स को केवल प्रोग्राम प्रबंधन का उदाहरण बताया। इसके अलावा, उन्होंने संसद में सीआईएसएफ की तैनाती पर भी स्पष्टीकरण दिया और विपक्ष के आरोपों को खारिज किया। इस इंटरव्यू में शाह ने कांग्रेस की रणनीतियों पर भी सवाल उठाए।
 

अमित शाह का बयान

अमित शाह का इंटरव्यू: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सोशल मीडिया के माध्यम से जनता में केवल भ्रम उत्पन्न करने का प्रयास कर रही है, जबकि भाजपा सीधे जनता के साथ संवाद करती है। शाह ने कहा कि किसी कार्यक्रम का प्रबंधन करने और जनता से संवाद करने में बड़ा अंतर होता है। उन्होंने राहुल गांधी की सोशल मीडिया पर वायरल हो रही रील्स को केवल प्रोग्राम प्रबंधन का उदाहरण बताया।


सोशल मीडिया पर बयान

शाह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही रील्स से जनता में भ्रम नहीं फैलाया जा सकता। उनका कहना था कि कांग्रेस का उद्देश्य केवल लोगों में भ्रम पैदा करना है, लेकिन वे इसमें सफल नहीं होंगे क्योंकि भाजपा का सीधा संवाद कहीं अधिक प्रभावी है।


अमित शाह का दृष्टिकोण

अमित शाह का इंटरव्यू




दिखावे पर आधारित कार्यक्रम

अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी की निराशा इतनी बढ़ गई है कि वे सामान्य विवेक भी खो चुके हैं, क्योंकि उन्होंने लगातार तीन चुनावों में हार का सामना किया है। भाजपा हमेशा जनता के बीच रहती है, जबकि कांग्रेस केवल दिखावे पर आधारित कार्यक्रमों तक सीमित है।


सरकार की आलोचना

राहुल गांधी हाल ही में सोशल मीडिया, विशेषकर इंस्टाग्राम पर काफी सक्रिय हो गए हैं। उनकी कई रील्स और पोस्ट्स में सरकार की आलोचना, बेरोजगारी और कथित वोट चोरी जैसे मुद्दों को उठाया गया है। कांग्रेस का कहना है कि यह कैंपेन युवाओं और आम जनता से जुड़ने का प्रयास है।


सीआईएसएफ की तैनाती पर स्पष्टीकरण

इस दौरान, संसद में सीआईएसएफ की तैनाती पर उठे विवाद पर भी अमित शाह ने स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि संसद में मौजूद कोई भी बल स्पीकर के अधिकार में आता है। शाह ने बताया कि पहले दिल्ली पुलिस के लोग संसद में रहते थे, अब सीआईएसएफ है, लेकिन जब वे संसद के सुरक्षा घेरे में आते हैं तो उन्हें मार्शल माना जाता है और वे केवल स्पीकर के आदेश पर कार्य करते हैं।


विपक्ष के आरोपों का खंडन

शाह ने विपक्ष के इस आरोप को खारिज कर दिया कि सीआईएसएफ की तैनाती विरोध को दबाने के लिए की गई है। उन्होंने कहा कि यह केवल सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा है और इसे राजनीति से जोड़ना गलत है।