संसद में अमित शाह का बयान
संसद के मानसून सत्र में चल रही गरमागरम बहसों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष को एक स्पष्ट और कठोर उत्तर दिया। जब विपक्ष ने बार-बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में बुलाने की मांग की, तो उन्होंने कहा, “पहले मुझसे निपट लो, प्रधानमंत्री को कहां बुलाओगे?” यह बयान उस समय आया जब विपक्ष सरकार को घेरने के लिए लगातार पीएम मोदी की उपस्थिति की मांग कर रहा था। विपक्षी नेताओं का तर्क था कि राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों, खासकर सुरक्षा और घोटालों से जुड़े मामलों पर प्रधानमंत्री को स्वयं जवाब देना चाहिए। इस पर अमित शाह ने न केवल अपनी पार्टी का पक्ष मजबूती से रखा, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि सरकार में मंत्री जिम्मेदार हैं और वे किसी भी प्रश्न का उत्तर देने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री देश का नेतृत्व कर रहे हैं और उनके प्रतिनिधि के रूप में वह सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर स्पष्टीकरण देने के लिए सदन में उपस्थित हैं। अमित शाह के इस बयान के बाद संसद में कुछ समय के लिए हंगामा मच गया। विपक्षी सांसदों ने इसे ‘अहम रवैया’ करार दिया, जबकि बीजेपी सांसदों ने इसे ‘नेतृत्व की दृढ़ता’ बताया। यह बयान सोशल मीडिया पर भी तेजी से फैल गया है और राजनीतिक हलकों में इसकी चर्चा हो रही है।