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अमित शाह की भविष्य की योजनाएँ: सहकारिता और प्राकृतिक खेती पर जोर

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में सहकारिता कार्यक्रम में अपनी भविष्य की योजनाओं का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि वे सेवानिवृत्ति के बाद वेदों और प्राकृतिक खेती के अध्ययन में समय बिताएंगे। शाह ने गुजरात के बनासकांठा की पानी की कमी और सहकारी समितियों के विकास पर भी चर्चा की। उनका उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है। जानें उनके विचार और योजनाएँ इस लेख में।
 

अमित शाह का सहकार संवाद

अमित शाह की भविष्य की योजनाएँ: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार, 9 जुलाई 2025 को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अवसर पर गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान के सहकारी कार्यकर्ताओं और महिलाओं के साथ 'सहकार संवाद' कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने राजनीति से संन्यास लेने के बाद की अपनी योजनाओं का खुलासा किया।


बनासकांठा का उल्लेख

अमित शाह ने बनासकांठा का जिक्र करते हुए कहा, 'जब मैं पैदा हुआ था, तब बनासकांठा के निवासियों को हफ्ते में केवल एक बार नहाने के लिए पानी मिलता था।'


गुजरात में पानी की कमी

गुजरात के इन ज़िलों में है सबसे ज़्यादा पानी की कमी

उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश और राजस्थान के लोगों को शायद इस बात का ज्ञान नहीं है, लेकिन बनासकांठा और कच्छ गुजरात के सबसे अधिक पानी की कमी वाले क्षेत्रों में शामिल हैं। आज, एक परिवार केवल दूध उत्पादन से सालाना एक करोड़ रुपये कमा रहा है, जो एक महत्वपूर्ण बदलाव है।


सेवानिवृत्ति के बाद की योजनाएँ

सेवानिवृत्ति के बाद गृह मंत्री की ये है भविष्य की योजना

अमित शाह ने कहा, 'मैंने तय किया है कि सेवानिवृत्ति के बाद, मैं अपने शेष जीवन को वेदों और उपनिषदों के अध्ययन तथा प्राकृतिक खेती को समर्पित करूंगा। प्राकृतिक खेती एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिसके कई लाभ हैं। रासायनिक उर्वरकों से उगाए गए गेहूं से कई स्वास्थ्य समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। प्राकृतिक खेती न केवल स्वास्थ्य को बनाए रखती है, बल्कि कृषि उत्पादकता को भी बढ़ाती है।'


आर्थिक सशक्तिकरण

यह योजना देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत कर रही है

अमित शाह ने कहा, 'सहकारिता मंत्रालय, प्रधानमंत्री मोदी के 'सहकार से समृद्धि' के दृष्टिकोण के अनुसार किसानों को सशक्त बनाकर ग्रामीण और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है।' इस संवाद में उन्होंने उपस्थित लोगों के सवालों का भी उत्तर दिया।


प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों का विकास

एक प्रतिभागी के प्रश्न का उत्तर देते हुए, अमित शाह ने कहा कि हमने प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (PACS) के लिए लगभग 25 छोटे व्यवसाय मॉडल की पहचान की है। सभी PACS को विभिन्न गतिविधियों से जोड़कर उन्हें समृद्ध बनाने की दिशा में काम करना चाहिए।