अमित शाह ने लोकतंत्र की मजबूती पर की चर्चा, भारत का उदाहरण पेश किया
लोकतंत्र की मजबूती का उदाहरण
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत में लोकतंत्र की मजबूती की चर्चा करते हुए कहा कि यहां सत्ता का हस्तांतरण बिना किसी रक्तपात के होता है। उन्होंने कहा कि हमारे आस-पास के कई देशों में हिंसा की घटनाएं होती हैं, लेकिन भारत में ऐसा कभी नहीं हुआ। यह बयान उन्होंने देशभर के विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में दिया। यह समारोह दिल्ली विधानसभा में आयोजित किया गया है, जिसमें 29 राज्यों के विधानसभाओं के स्पीकर और छह राज्यों की विधान परिषदों के सभापति और उपसभापति शामिल हुए हैं.
लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने का दावा
सम्मेलन में बोलते हुए अमित शाह ने कहा, 'जब हमारा देश स्वतंत्र हुआ, तब इस पर चर्चा होती थी। लोग मजाक उड़ाते थे कि हम देश को कैसे चलाएंगे। लेकिन आज मैं गर्व के साथ कहता हूं कि हमने 80 वर्षों में लोकतंत्र की नींव को गहराई से स्थापित किया है। हमने यह साबित किया है कि भारतीय जनता के स्वभाव में लोकतंत्र बसा हुआ है।'
विपक्ष पर निशाना
उन्होंने आगे कहा, 'हमने कई देशों को देखा है, जिनकी शुरुआत लोकतांत्रिक तरीके से हुई थी। लेकिन समय के साथ वहां लोकतंत्र का पतन हुआ। कई देशों में सत्ता परिवर्तन के लिए खून बहा, युद्ध और विद्रोह हुए। लेकिन भारत एक ऐसा देश है, जहां आजादी के 80 साल बाद भी संवैधानिक तरीके से और बिना खून की एक बूंद बहाए सत्ता परिवर्तन होते रहे हैं।'
संसद की गरिमा पर जोर
अमित शाह ने सदन की कार्यवाही में व्यवधान डालने के लिए विपक्ष पर भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'अपने राजनीतिक हितों के लिए संसद में बहस को रोकना गलत है। हमें इस पर विचार करना होगा कि जब-जब सभाओं ने अपनी गरिमा खोई है, तब हमें गंभीर परिणाम भुगतने पड़े हैं।'