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अमेरिका और पाकिस्तान के रक्षा संबंधों में नई गर्मजोशी

अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रक्षा संबंधों में एक नई गर्मजोशी देखने को मिल रही है। हाल ही में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की, जिसके बाद AIM-120 AMRAAM मिसाइलों के सौदे की घोषणा हुई। यह समझौता दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को मजबूत करेगा और पाकिस्तान की एफ-16 वायु सेना को आधुनिक बनाएगा। हालांकि, भारत ने इस सौदे को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं। जानें इस महत्वपूर्ण विकास के बारे में और अधिक।
 

अमेरिका-पाकिस्तान रक्षा संबंधों में नया मोड़

US Pakistan Defence Ties: अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रक्षा संबंधों में एक नई ऊर्जा देखने को मिल रही है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में ओवल ऑफिस में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर से मुलाकात की थी, जिसके बाद यह संकेत मिला है। अमेरिकी मिसाइल अनुबंध में पाकिस्तान को शामिल करने से दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को एक नई दिशा मिलने की उम्मीद है। इस समझौते के तहत पाकिस्तान को AIM-120 AMRAAM, जो हवा से हवा में मार करने वाली उन्नत मध्यम दूरी की मिसाइलें हैं, प्राप्त होंगी।


सैन्य सहयोग को मजबूती

यह समझौता अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ पाकिस्तान की एफ-16 वायु सेना को आधुनिक बनाने में भी सहायक होगा। अमेरिकी रक्षा विभाग के अनुसार, इस अनुबंध में पाकिस्तान के अलावा यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, जापान और सऊदी अरब भी शामिल हैं। अनुबंध का कुल मूल्य 2.51 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है, और इसे मई 2030 तक पूरा करने की योजना है।


AMRAAM मिसाइलों का महत्व

AMRAAM मिसाइलें केवल एफ-16 विमानों के साथ संगत हैं। वर्तमान में, पाकिस्तान पुराने AIM-120C5 संस्करण का उपयोग कर रहा है, जिसे 2010 में ब्लॉक 52 F-16 के साथ खरीदा गया था। AIM-120C8 और AIM-120D के निर्यात संस्करण मिलने से पाकिस्तान की वायु सेना की मारक क्षमता में वृद्धि होगी। 2019 में विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान द्वारा उड़ाए गए मिग-21 को मार गिराने में भी AMRAAM का उपयोग किया गया था।


संबंधों में सुधार का संकेत

इस सौदे को अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में सुधार का संकेत माना जा रहा है। पिछले महीने वाशिंगटन डीसी में ट्रम्प की शहबाज शरीफ और असीम मुनीर से मुलाकात ने इसे और मजबूती दी। इसके अलावा, पीएएफ प्रमुख एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर का अमेरिकी विदेश विभाग का दौरा और मई में भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद दोनों देशों में शांति की पहल ने भी रिश्तों में गर्मजोशी लाने में मदद की।


भारत का रुख

हालांकि, पाकिस्तान ने हालिया युद्धविराम में ट्रम्प की भूमिका को लेकर उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार का प्रस्ताव दिया, लेकिन भारत ने इसे खारिज कर दिया। भारत का कहना है कि युद्धविराम दोनों देशों के महानिदेशकों (DGMO) के बीच सीधी बातचीत के बाद हुआ था।