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अमेरिका का ईरान पर हमला: परमाणु ठिकानों को किया नष्ट

अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों पर बमबारी की है, जिसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ी सैन्य सफलता बताया है। इस हमले का उद्देश्य ईरान की परमाणु क्षमता को समाप्त करना है। ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर ईरान शांति नहीं लाता, तो भविष्य में हमले और भी गंभीर हो सकते हैं। जानें इस हमले के पीछे की कहानी और ट्रंप की चेतावनियों के बारे में।
 

अमेरिका का ईरान पर सैन्य हमला

अमेरिका का ईरान पर हमला: अमेरिका ने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु स्थलों पर बमबारी की है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले के बाद कहा कि यह एक महत्वपूर्ण सैन्य सफलता है। उन्होंने दावा किया कि ईरान के प्रमुख परमाणु ठिकाने पूरी तरह से नष्ट कर दिए गए हैं। अमेरिका ने फोर्डो, नतांज और इस्फहान के ठिकानों को निशाना बनाया है। ट्रंप ने इस ऑपरेशन के लिए अमेरिकी सेना की सराहना की।


हमले का उद्देश्य

राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट किया कि इस हमले का मुख्य उद्देश्य ईरान की परमाणु क्षमता को समाप्त करना था। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने यह कदम इसलिए उठाया ताकि दुनिया के सबसे बड़े आतंकवाद प्रायोजक देश के परमाणु खतरे को रोका जा सके। अमेरिका ने हमेशा ईरान के परमाणु कार्यक्रम के खिलाफ चेतावनी दी है, लेकिन ईरान ने अपने परमाणु हथियार बनाने के प्रयास जारी रखे। अब अमेरिका के इस हमले से ईरान को एक बड़ा झटका लगा है।


ट्रंप की चेतावनी

ट्रंप ने कहा कि यह स्थिति जारी नहीं रह सकती। उन्होंने चेतावनी दी कि या तो शांति स्थापित होगी या ईरान के लिए एक बड़ी त्रासदी होगी। उन्होंने ईरान को याद दिलाया कि अभी भी कई लक्ष्य बचे हुए हैं।


इजरायल के प्रति ट्रंप का आभार

इस हमले के बाद, ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका और इजरायल ने मिलकर ईरान के खिलाफ एक टीम के रूप में काम किया है। ट्रंप ने इजरायली सेना की प्रशंसा की और कहा कि यह ऑपरेशन अद्वितीय था।


ईरान को दी गई चेतावनी

ट्रंप ने ईरान को स्पष्ट किया कि अगर वे शांति नहीं लाते हैं, तो भविष्य में हमले और भी बड़े होंगे। उन्होंने कहा कि ईरान पिछले 40 वर्षों से अमेरिका और इजरायल के लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है और अब यह सहन नहीं किया जाएगा।