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अमेरिका-चीन के बीच यूक्रेन युद्ध पर तीखी बहस

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की हालिया बैठक में अमेरिका और चीन के बीच यूक्रेन युद्ध को लेकर तीखी बहस हुई। अमेरिका ने चीन पर रूस को समर्थन देने का आरोप लगाया, जबकि चीन ने इसे खारिज किया। दोनों देशों के बीच आरोप-प्रत्यारोप ने वैश्विक शांति प्रयासों को चुनौती दी है। जानें इस विवाद के पीछे की सच्चाई और दोनों पक्षों के तर्क।
 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में तनाव

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक शुक्रवार, 25 जुलाई को आयोजित की गई, जिसमें अमेरिका और चीन के बीच तीखी बहस देखने को मिली। अमेरिका ने आरोप लगाया कि चीन रूस को यूक्रेन युद्ध में समर्थन दे रहा है, जबकि चीन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए टकराव से बचने की चेतावनी दी।


मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका की कार्यवाहक राजदूत डोरोथी शी ने सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा, “चीन द्वारा दोहरे उपयोग वाले सामानों पर निर्यात नियंत्रण के दावे तब गलत साबित होते हैं, जब रूस द्वारा यूक्रेन के खिलाफ उपयोग किए गए ड्रोन, हथियार और वाहनों में चीनी उपकरणों की बरामदगी होती है।


अमेरिका का गंभीर आरोप

अमेरिका का चीन पर गंभीर आरोप


शी ने चीन से आग्रह किया कि वह रूस की सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने वाले निर्यात को रोकें, जिसमें यूक्रेन पर हमले में इस्तेमाल होने वाले ड्रोन और मिसाइलों के घटक शामिल हैं। उन्होंने कहा, “यदि चीन शांति की बात में गंभीर है, तो उसे रूस की आक्रामकता को बढ़ावा देना बंद करना चाहिए।”


चीन का जवाब

चीन का जवाब: हम युद्ध का हिस्सा नहीं


चीन ने इन आरोपों का कड़ा जवाब दिया। चीन के उप-राजदूत गेंग शुआंग ने कहा, “चीन ने यूक्रेन युद्ध की शुरुआत नहीं की और न ही हम इस संघर्ष का हिस्सा हैं। हमने कभी घातक हथियार नहीं दिए और हमेशा दोहरे उपयोग वाले सामानों पर सख्त नियंत्रण रखा है।” गेंग ने अमेरिका से कहा कि वह यूक्रेन मुद्दे पर दोषारोपण बंद करे और युद्धविराम तथा शांति वार्ता को बढ़ावा देने में रचनात्मक भूमिका निभाए।


रॉयटर्स की जांच का खुलासा

रॉयटर्स की जांच से खुलासा


हाल ही में रॉयटर्स की एक जांच में यह सामने आया कि चीनी निर्मित इंजनों को “औद्योगिक रेफ्रिजरेशन इकाइयों” के नाम पर रूस की एक सरकारी ड्रोन निर्माता कंपनी को गुप्त रूप से भेजा गया, ताकि पश्चिमी प्रतिबंधों को चकमा दिया जा सके।


वैश्विक शांति की चुनौती

वैश्विक शांति की चुनौती


यह विवाद वैश्विक शांति प्रयासों के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। अमेरिका का कहना है कि चीन के निर्यात रूस के हमलों को बढ़ावा दे रहे हैं, जबकि चीन इन आरोपों को निराधार बताकर अपनी नीतियों का बचाव कर रहा है।