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अमेरिकी वीज़ा ड्रॉपबॉक्स सुविधा का अंत: भारतीय आवेदकों के लिए नई चुनौतियाँ

अमेरिकी वीज़ा ड्रॉपबॉक्स सुविधा, जो भारतीय आवेदकों के लिए एक सरल प्रक्रिया थी, अब समाप्त होने जा रही है। 11 अगस्त 2025 से लागू होने वाले इस बदलाव के तहत, अधिकांश वीज़ा आवेदकों को व्यक्तिगत इंटरव्यू देना होगा। यह निर्णय सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है, लेकिन इससे अराजकता और देरी की संभावना है। जानें इस बदलाव के प्रमुख कारण और भारतीय आवेदकों पर इसके प्रभाव के बारे में।
 

महत्वपूर्ण बदलाव की जानकारी

अमेरिका की यात्रा करने वाले भारतीय नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना सामने आई है। अमेरिकी वीज़ा नवीनीकरण के लिए 'ड्रॉपबॉक्स' सुविधा, जिसे आधिकारिक तौर पर 'इंटरव्यू वेवर प्रोग्राम' कहा जाता है, अब अधिकांश आवेदकों के लिए समाप्त होने जा रही है। यह बदलाव 11 अगस्त 2025 से लागू होगा, जिसके बाद अधिकतर वीज़ा आवेदकों को अमेरिकी दूतावास या वाणिज्य दूतावास में व्यक्तिगत रूप से इंटरव्यू देना होगा। यह उन लाखों लोगों के लिए एक बड़ा झटका है जो इस सरल प्रक्रिया का लाभ उठा रहे थे, विशेषकर जिनका वीज़ा इतिहास साफ था।


ड्रॉपबॉक्स प्रक्रिया का परिचय

अमेरिकी वीज़ा 'ड्रॉपबॉक्स' प्रक्रिया, जिसे 'इंटरव्यू वेवर प्रोग्राम' के नाम से जाना जाता है, एक ऐसी व्यवस्था थी जिसमें कुछ विशेष योग्यताओं को पूरा करने वाले आवेदकों को व्यक्तिगत इंटरव्यू से छूट मिलती थी। यदि आप योग्य होते थे, तो आपको केवल अपना पासपोर्ट, वीज़ा आवेदन पत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेज एक निर्दिष्ट संग्रह केंद्र में जमा करने होते थे। इसके बाद, एक कांसुलर अधिकारी मामले की समीक्षा करता था और बिना इंटरव्यू के वीज़ा जारी करने का निर्णय लेता था। यह प्रक्रिया उन लोगों के लिए राहत थी जो समय और संसाधनों की बचत करना चाहते थे।


ड्रॉपबॉक्स योजना का अंत क्यों?

यह बदलाव अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा पिछले महीने 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल एक्ट' के तहत घोषित किया गया था, जिस पर 4 जुलाई को हस्ताक्षर किए गए थे। अधिकारियों का कहना है कि इसका उद्देश्य सुरक्षा को बढ़ाना और स्क्रीनिंग प्रक्रियाओं को कड़ा करना है। हालांकि, आव्रजन अधिवक्ताओं का मानना है कि इससे अराजकता, देरी और यात्रा में बाधा उत्पन्न हो सकती है, खासकर भारत जैसे देशों में, जहाँ से हर साल बड़ी संख्या में H-1B वीज़ा धारक और छात्र अमेरिका जाते हैं।


प्रमुख बदलाव और उनके प्रभाव

अब अधिकांश वीज़ा श्रेणियों के लिए व्यक्तिगत इंटरव्यू अनिवार्य होगा, जिसमें H-1B, L-1, F-1, O-1 और अन्य गैर-आप्रवासी वीज़ा शामिल हैं। 14 साल से कम उम्र के बच्चों और 79 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को भी अब इंटरव्यू से छूट नहीं मिलेगी। हालांकि, कुछ विशेष वीज़ा श्रेणियों के लिए इंटरव्यू वेवर उपलब्ध रहेगा। इस बदलाव से अमेरिकी दूतावासों में इंटरव्यू की तारीखों के लिए मांग में भारी वृद्धि होने की संभावना है, जिससे प्रतीक्षा समय महीनों तक बढ़ सकता है।


भारतीय आवेदकों पर प्रभाव

भारत अमेरिका के ड्रॉपबॉक्स सुविधा के सबसे बड़े उपयोगकर्ताओं में से एक है और पहले से ही दुनिया में सबसे लंबी वीज़ा प्रतीक्षा समय का सामना कर रहा है। इस बदलाव से H-1B कर्मचारियों पर निर्भर कंपनियों की परियोजनाओं में बाधा आ सकती है और छात्रों के शैक्षणिक कार्यक्रम भी प्रभावित हो सकते हैं।


यात्रियों के लिए सलाह

यह बदलाव 2 सितंबर, 2025 से लागू होगा, लेकिन पहले से ही कुछ अगस्त और सितंबर के ड्रॉपबॉक्स स्लॉट रद्द किए जा रहे हैं। ऐसे में, यात्रा की योजना बना रहे लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी यात्रा की योजना को सावधानी से बनाएं और दूतावास की वेबसाइट पर नवीनतम अपडेट की जांच करते रहें।