×

अमेरिकी सीनेटर की चेतावनी: सस्ते रूसी तेल पर टैरिफ का खतरा

अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने BRICS देशों को चेतावनी दी है कि यदि वे सस्ते रूसी तेल की खरीद जारी रखते हैं, तो उन्हें गंभीर आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कहा है कि यदि रूस शांति समझौते पर सहमत नहीं होता, तो अमेरिका उन देशों पर भारी टैरिफ लगाएगा जो रूसी ऊर्जा का आयात करते हैं। भारत ने इस पर अपनी ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता को प्राथमिकता देने की बात कही है।
 

सीनेटर ग्राहम की सख्त चेतावनी

सीनेटर लिंडसे ग्राहम का अलार्म: अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने BRICS देशों, जिसमें भारत, चीन और ब्राजील शामिल हैं, को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि वे सस्ते रूसी तेल की खरीद जारी रखते हैं, तो उन्हें गंभीर आर्थिक प्रतिबंधों और टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है। फॉक्स न्यूज पर ग्राहम ने कहा, “यदि आप सस्ते रूसी तेल की खरीद जारी रखते हैं, जिससे युद्ध जारी रहता है, तो हम आप पर भारी टैरिफ लगाएंगे। हम आपकी अर्थव्यवस्था को नष्ट कर देंगे, क्योंकि यह खून की कमाई है।”


अमेरिका की कूटनीति

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ग्राहम की यह टिप्पणी उस समय आई है जब अमेरिका रूस के राजस्व स्रोतों को समाप्त करने के लिए आक्रामक कूटनीति अपना रहा है। रिपब्लिकन पार्टी भी रूस के आर्थिक समर्थकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रही है।


ट्रंप का ऐलान

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने NATO महासचिव मार्क रूटे के साथ बैठक में कहा कि यदि रूस 50 दिनों के भीतर शांति समझौते पर सहमत नहीं होता, तो अमेरिका उन देशों पर 100% “सेकेंडरी टैरिफ” लगाएगा जो रूसी तेल और गैस खरीदते हैं। ट्रंप ने कहा, “रात में मिसाइलें चलती हैं और दिन में पुतिन बड़ी बातें करता है। अब समय आ गया है कि उसे शांति के लिए मजबूर किया जाए।”


द्विदलीय प्रस्ताव

सीनेटरों का प्रस्ताव: ट्रंप और ग्राहम के साथ डेमोक्रेट सीनेटर रिचर्ड ब्लूमेंथल ने एक द्विदलीय प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें उन देशों पर 500% तक टैरिफ लगाने का प्रावधान है जो रूसी ऊर्जा का आयात जारी रखते हैं। दोनों सीनेटरों का कहना है कि भारत, चीन और ब्राजील जैसे देश सस्ते तेल की खरीद करके रूस के युद्ध को अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक सहायता दे रहे हैं।


भारत की प्रतिक्रिया

विदेश मंत्री एस जयशंकर की टिप्पणी: ब्लूमेंथल ने एक्स पर लिखा, “हम अपने रूस प्रतिबंध विधेयक को आगे बढ़ाएंगे ताकि भारत, चीन, ब्राजील और अन्य देशों को कड़ा संदेश दिया जा सके।” भारत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उसकी प्राथमिकता ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता है। विदेश मंत्री एस जयशंकर पहले ही सीनेटर ग्राहम से इस मुद्दे पर चर्चा कर चुके हैं। यह दबाव अमेरिकी रणनीति का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य रूस की आर्थिक स्थिति को कमजोर करके युद्ध समाप्त करना है।