अयोध्या में राम मंदिर का ध्वजारोहण: पीएम मोदी का ऐतिहासिक दौरा
अयोध्या में ध्वजारोहण का ऐतिहासिक क्षण
अयोध्या: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या के भव्य राम मंदिर के शिखर पर धार्मिक ध्वज फहराया, जो राम जन्मभूमि परियोजना की सफलता और सांस्कृतिक महत्व का प्रतीक है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत भी उनके साथ उपस्थित रहे।
पीएम मोदी का अयोध्या में आगमन
प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली से अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि एयरपोर्ट पर पहुंचकर हेलीकॉप्टर के माध्यम से साकेत महाविद्यालय का दौरा किया। इसके बाद, उन्होंने सड़क मार्ग से सप्त मंदिर तक रोड शो किया। इस दौरान भक्तों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और उनके आगमन को धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना।
मंदिर में पूजा-अर्चना का आयोजन
सप्त मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद, पीएम मोदी राम मंदिर में गए। उन्होंने गर्भगृह के साथ-साथ मंदिर की पहली मंजिल पर बने नए राम दरबार में भी पूजा की। यह दौरा आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रधानमंत्री ने मंदिर के भीतर विशेष पूजा की और दोपहर 12 बजे भगवा ध्वज फहराया।
ध्वजारोहण समारोह मंदिर निर्माण की पूर्णता और धार्मिक-सांस्कृतिक उत्सव का प्रतीक माना जा रहा है। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी थी और मंदिर परिसर में प्रवेश केवल क्यूआर कोड वाले आमंत्रित मेहमानों के लिए ही था। आम जनता का प्रवेश प्रतिबंधित रहा।
राम दरबार का उद्घाटन
प्रधानमंत्री मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर की पहली मंजिल पर नवनिर्मित राम दरबार में पूजा की। उल्लेखनीय है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समय पहली मंजिल पर राम दरबार की स्थापना नहीं की गई थी। हाल ही में इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ है और अब भक्त मंदिर की पहली मंजिल पर राम दरबार का दर्शन कर सकते हैं।
सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व
यह ऐतिहासिक कार्यक्रम न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और धार्मिक आस्था का प्रतीक भी है। राम मंदिर के शिखर पर भगवा ध्वज फहराना भक्तों के लिए आध्यात्मिक आनंद और गर्व का क्षण है। प्रधानमंत्री का यह दौरा मंदिर निर्माण की पूर्णता और धार्मिक एकता का प्रतीक माना जा रहा है।
इस प्रकार, अयोध्या राम मंदिर में आज का दिन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से विशेष है, बल्कि यह भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में दर्ज होगा। पीएम मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत की उपस्थिति ने इस अवसर को और भी गौरवपूर्ण बना दिया।