×

अरविंद केजरीवाल का केंद्र सरकार पर हमला: अमेरिकी दबाव में किसानों का हित खतरे में

आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने झुकने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भारतीय किसानों और व्यापारियों के हितों को नजरअंदाज कर अमेरिका को खुश करने की कोशिश कर रही है। केजरीवाल ने विशेष रूप से कपास किसानों को निशाना बनाए जाने का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे देश के हितों की रक्षा करें। उनके इस बयान ने राजनीतिक हलचल को जन्म दिया है, जहां विपक्ष इसे सरकार की कमजोर कूटनीति मानता है।
 

अरविंद केजरीवाल का बयान

अरविंद केजरीवाल का आरोप: आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने झुकने का आरोप लगाया है। उन्होंने बुधवार को अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि केंद्र सरकार भारतीय किसानों, व्यापारियों और युवाओं के हितों को नजरअंदाज कर केवल अमेरिका को खुश करने की कोशिश कर रही है।


कपास किसानों पर विशेष ध्यान

केजरीवाल ने यह भी कहा कि कपास किसानों को विशेष रूप से निशाना बनाया जा रहा है। उनका आरोप है कि अमेरिकी दबाव के कारण केंद्र सरकार भारत के कपास उद्योग को कमजोर कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यह वार्ता एकतरफा है और भारतीय बाजार को पूरी तरह से अमेरिकी कंपनियों के लिए खोलने का प्रयास किया जा रहा है।


केजरीवाल का ट्वीट

अरविंद केजरीवाल का ट्वीट




आर्थिक नुकसान की चेतावनी

केजरीवाल का आरोप: उन्होंने कहा, 'ट्रम्प को खुश करने के लिए देशभर के कपास किसानों को दांव पर लगा दिया गया है। यह केवल एकतरफा बातचीत है। अगर पूरा भारतीय बाजार अमेरिकियों के कब्जे में चला गया तो हमारे लोग कहां जाएंगे?' उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे इस वार्ता में देश के हितों की रक्षा करें।


राजनीतिक बहस का आरंभ

राजनीतिक हलचल: केजरीवाल के इस बयान ने राजनीतिक हलकों में बहस को जन्म दिया है। विपक्ष इसे सरकार की कमजोर कूटनीति मानता है, जबकि सत्तापक्ष का कहना है कि भारत-अमेरिका वार्ता से देश को दीर्घकालिक लाभ होगा।


द्विपक्षीय व्यापार वार्ता पर टिप्पणी

व्यापार वार्ता: यह बयान उस समय आया है जब हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने द्विपक्षीय व्यापार वार्ता को लेकर सकारात्मक टिप्पणियां की थीं। दोनों नेताओं ने विश्वास जताया था कि यह बातचीत दोनों देशों के लिए लाभकारी होगी। हालांकि, विपक्ष और आम आदमी पार्टी का आरोप है कि यह वार्ता संतुलित नहीं है और भारत के हितों की अनदेखी हो रही है।