अर्णब गोस्वामी और शशि थरूर का सरकार के खिलाफ नया मोड़
सार्वजनिक स्पेस में नया बदलाव
हाल के दिनों में सार्वजनिक मंच पर कुछ दिलचस्प घटनाएं देखने को मिल रही हैं। प्रसिद्ध टीवी एंकर अर्णब गोस्वामी ने सरकार के खिलाफ एक नया मोर्चा खोला है, जो कि काफी चौंकाने वाला है। पहले, उन्होंने भाजपा विरोधी दलों को निशाना बनाते हुए और भाजपा तथा नरेंद्र मोदी के एजेंडे का समर्थन करते हुए अपने चैनल की नींव रखी थी। इसी कारण उन्हें विपक्ष की आलोचना का सामना करना पड़ा और महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने उन्हें जेल भेज दिया था। लेकिन अब वे अचानक केंद्र सरकार और भाजपा के खिलाफ हो गए हैं। पिछले सप्ताह में, उन्होंने तीन महत्वपूर्ण मुद्दों पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया।
दिल्ली के प्रदूषण से लेकर उन्नाव रेप कांड तक
अर्णब ने दिल्ली में प्रदूषण के मुद्दे पर सरकार और भाजपा को घेरा। इसके बाद, उन्होंने अरावली में माइनिंग के मुद्दे को उठाया। दिलचस्प बात यह है कि जब केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने नई माइनिंग लीज पर रोक लगाई, तो अर्णब के चैनल ने इसे अपनी जीत बताया और कहा कि यह उनकी ताकत का परिणाम है। इसके बाद, उन्नाव रेप कांड में भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को जमानत मिलने और पीड़ित के साथ पुलिस के व्यवहार पर भी अर्णब ने चर्चा की और पीड़ित को अपने कार्यक्रम में बुलाकर उनका पक्ष रखा।
शशि थरूर का बदलता रुख
इसी तरह, शशि थरूर भी हाल के दिनों में सरकार के हर कदम का समर्थन कर रहे थे, लेकिन अब उनके सुर भी बदल गए हैं। उन्होंने मनरेगा के स्थान पर जी राम जी बिल लाने का विरोध किया है। इसके अलावा, उन्होंने परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने वाले शांति बिल का भी विरोध किया। इसके बाद, उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार में लेख लिखकर बताया कि कैसे संसद को रबर स्टैम्प बना दिया गया है। क्या इसके बाद भी उनके कांग्रेस से अलग होने की चर्चा जारी रहेगी? शीतकालीन सत्र में किसी ने भी इस तरह से व्यवस्थित तरीके से सरकार का विरोध नहीं किया है।