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असम में बांस से बने इथेनॉल प्लांट का उद्घाटन, ऊर्जा में आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के नुमालीगढ़ में भारत के पहले बांस से बने इथेनॉल प्लांट का उद्घाटन किया है। यह प्लांट स्थानीय किसानों से बांस खरीदकर इथेनॉल का उत्पादन करेगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और पर्यावरण की सुरक्षा में मदद मिलेगी। इस पहल का उद्देश्य पेट्रोल में इथेनॉल की मिलावट को बढ़ाना और भारत को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। जानें इस प्लांट के लाभ और इसके पीछे की सोच के बारे में।
 

प्रधानमंत्री मोदी का ऐतिहासिक कदम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के नुमालीगढ़ में भारत के पहले 'बैम्बू-बेस्ड इथेनॉल' प्लांट का उद्घाटन किया है। यह पहल देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस प्लांट का उद्घाटन किया गया, जो बांस का उपयोग करके इथेनॉल का उत्पादन करेगा।


यह प्लांट स्थानीय किसानों से बांस खरीदकर इथेनॉल तैयार करेगा, जो एक प्रकार का बायो-फ्यूल है। सरकार का लक्ष्य पेट्रोल में इथेनॉल की मिलावट को 20% तक बढ़ाना है।


इस प्लांट के कई लाभ हैं, जैसे कि किसानों की आय में वृद्धि, पर्यावरण की सुरक्षा, और पेट्रोल पर निर्भरता में कमी।


किसानों को अब बांस की बेहतर कीमत मिलेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इसके अलावा, इथेनॉल के उपयोग से गाड़ियों से निकलने वाले प्रदूषण में कमी आएगी।


भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए बांस से इथेनॉल का उत्पादन करके आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। यह प्लांट नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड द्वारा स्थापित किया गया है और यह विकास और पर्यावरण के संतुलन का प्रतीक है।