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असम में बीटीसी चुनाव में हाग्रामा मोहिलारी की जीत से राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं

असम में बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद के चुनाव में हाग्रामा मोहिलारी की जीत ने राजनीतिक परिदृश्य में हलचल मचा दी है। भाजपा, जिसने पहले मोहिलारी को हराया था, अब उन्हें बधाई दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मोहिलारी को बधाई दी है, जो एक क्षेत्रीय नेता के लिए महत्वपूर्ण है। भाजपा अब मोहिलारी को अपने गठबंधन में लाने की कोशिश कर रही है, जबकि कांग्रेस के साथ उनके संभावित तालमेल से चुनाव परिणामों पर बड़ा असर पड़ सकता है। जानें इस राजनीतिक उलटफेर के पीछे की रणनीतियाँ और संभावित परिणाम।
 

असम में राजनीतिक बदलाव की आहट

असम में चुनावी परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहा है। बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (बीटीसी) के चुनाव में हाग्रामा मोहिलारी की बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) की जीत ने राजनीतिक समीकरणों को बदल दिया है। भाजपा, जिसने पिछले चुनाव में मोहिलारी की पार्टी को प्रमोड बोडो की पार्टी यूपीपीएल के साथ मिलकर हराया था, अब उनके जीत पर बधाई दे रही है। हाल ही में मोहिलारी ने बीटीसी के प्रमुख के रूप में शपथ ली, जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर उन्हें बधाई दी। यह एक महत्वपूर्ण घटना है कि एक क्षेत्रीय परिषद के प्रमुख को प्रधानमंत्री की ओर से बधाई मिलती है।


यह मामला असम विधानसभा चुनाव से भी जुड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री ने मोहिलारी और उनकी टीम को बधाई देते हुए लिखा कि, 'हम सभी मिलकर महान बोडोफा उपेंद्रनाथ ब्रह्मा की दूरदर्शिता को साकार करने और सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं।' अब भाजपा की योजना होगी कि किसी भी तरह से मोहिलारी को अपने गठबंधन में शामिल किया जाए, भले ही इसके लिए प्रमोड बोडो को छोड़ना पड़े। यदि हाग्रामा मोहिलारी एनडीए के साथ नहीं आते हैं, तो यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनका कांग्रेस के साथ तालमेल न हो। उल्लेखनीय है कि पिछली बार उन्होंने कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और चार सीटें जीती थीं। बदरूद्दीन अजमल की पार्टी भी उस समय कांग्रेस के साथ थी। भाजपा को अजमल की पार्टी के कांग्रेस के साथ रहने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन यदि मोहिलारी कांग्रेस के साथ जाते हैं, तो चुनाव परिणामों पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए भाजपा हर संभव प्रयास करेगी कि मोहिलारी को रोका जाए।