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आंध्र प्रदेश शराब घोटाले में CID की चार्जशीट, वाईएसआर कांग्रेस के नेताओं पर आरोप

आंध्र प्रदेश में 3,500 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की जांच में CID ने चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें वाईएसआर कांग्रेस के नेताओं का नाम शामिल है। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह घोटाला राज्य की शराब नीति में धांधली से जुड़ा है, जिसमें हर महीने करोड़ों रुपये की रिश्वत ली जाती थी। वाईएसआर कांग्रेस ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध का मामला बताया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और आरोपों की सच्चाई।
 

आंध्र प्रदेश में शराब घोटाले की जांच में नया मोड़

आंध्र प्रदेश में 3,500 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले की जांच में एक नया मोड़ आया है। CID ने विजयवाड़ा की अदालत में चार्जशीट पेश की है, जिसमें यह खुलासा हुआ है कि इस घोटाले का संबंध वाईएसआर कांग्रेस के प्रमुख नेताओं से है। जांच में यह भी बताया गया है कि यह घोटाला राज्य की शराब नीति में की गई धांधली से जुड़ा हुआ है, जिसमें हर महीने करोड़ों रुपये की रिश्वत का लेन-देन होता था।


CID की रिपोर्ट में कहा गया है कि जून 2019 से मई 2024 के बीच राज्य की शराब नीति के तहत हर महीने लगभग 50-60 करोड़ रुपये की रिश्वत ली गई। इस नीति के माध्यम से कुछ विशेष कंपनियों और सप्लायर्स को अनुचित लाभ दिया गया, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। मुख्य आरोपी केसी रेड्डी, जो पहले जगन रेड्डी के IT सलाहकार रह चुके हैं, ने इन पैसों को फर्जी कंपनियों के नेटवर्क के जरिए घुमाया और आगे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं तक पहुँचाया।


किसे-किसे मिला हिस्सा?

किसे-किसे मिला हिस्सा?


जांच एजेंसी के अनुसार, केसी रेड्डी ने जो रिश्वत की रकम इकट्ठा की, उसे सबसे पहले वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता वी विजयसाई रेड्डी और सांसद पीवी मिथुन रेड्डी तक पहुँचाया। इसके बाद यह पैसा जगन मोहन रेड्डी को ट्रांसफर किया गया। हालांकि, चार्जशीट में पूर्व मुख्यमंत्री का नाम आरोपी के रूप में नहीं लिया गया है, लेकिन उनके नाम का सीधा उल्लेख इस घोटाले की जड़ में किया गया है।


YSRCP ने लगाया बदले की राजनीति का आरोप

YSRCP ने लगाया बदले की राजनीति का आरोप


इस मामले को लेकर वाईएसआर कांग्रेस ने मौजूदा मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की सरकार पर "राजनीतिक बदले" का आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि इस केस को "दबाव और धमकी" के जरिए तैयार किया गया है और यह कानून का दुरुपयोग है। वाईएसआरसीपी नेताओं ने तीन बार के सांसद पीवी मिथुन रेड्डी की गिरफ्तारी की भी कड़ी निंदा की और इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया।