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आजम खान की 23 महीने बाद जेल से रिहाई, सुरक्षा बढ़ाई गई

समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा किया गया। उनके बेटे उन्हें लेने पहुंचे और जेल के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई। रिहाई के समय कुछ विवाद भी हुए, जिसमें पुलिस ने कार्यकर्ताओं की गाड़ियों का चालान किया। जानें इस घटनाक्रम के बारे में और क्या हुआ जेल के बाहर।
 

आजम खान की रिहाई

सीतापुर। समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान (Azam Khan) को 23 महीने की जेल की सजा के बाद मंगलवार को सीतापुर जेल से रिहा किया गया। उनके बेटे अदीब और अब्दुल्ला आजम (Abdullah Azam) उन्हें लेने के लिए जेल पहुंचे। जेल से बाहर निकलते ही आजम खान ने हाथ हिलाकर सभी का अभिवादन किया। उनकी रिहाई के मद्देनजर जेल की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। अदीब ने कहा कि आज का हीरो आजम साहब हैं।



आजम की रिहाई सुबह 9 बजे निर्धारित थी, लेकिन कुछ कागजी कार्रवाई में बाधा आ गई। रामपुर कोर्ट में उनके खिलाफ एक मामला चल रहा था, जिसमें 6 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया था। जुर्माना न भरने के कारण उनकी रिहाई में देरी हुई। जैसे ही कोर्ट खुला, उनके रिश्तेदार ने जुर्माने की राशि जमा की और जेल को ईमेल के माध्यम से सूचना भेजी गई।


हाईकोर्ट ने 5 दिन पहले आजम को जमानत दी थी। उनके खिलाफ 104 मामले दर्ज हैं। हाल ही में पुलिस ने शत्रु संपत्ति से जुड़े मामलों में नई धाराएं जोड़ी थीं, लेकिन 20 सितंबर को रामपुर कोर्ट ने इन धाराओं को खारिज कर दिया, जिससे उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया। यह अंतिम मामला था, जिसमें उन्हें जमानत मिलनी बाकी थी।


पुलिस ने की कार्रवाई

सीतापुर जेल के बाहर आजम खान को लेने आए कार्यकर्ताओं की 25 गाड़ियों का चालान किया गया है। ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि ये गाड़ियां नो पार्किंग जोन में खड़ी थीं। ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए यह कदम उठाया गया है।


सपा सांसद की पुलिस से बहस

मुरादाबाद से सपा सांसद रुचि वीरा की पुलिस के साथ तीखी बहस हुई। जब उनकी गाड़ी को पुलिस ने रोका, तो उन्हें दूसरे रास्ते से जाने के लिए कहा गया, जिस पर सांसद ने पुलिस से बहस की।