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आजम खान की रिहाई: क्या बहुजन समाज पार्टी में शामिल होंगे पूर्व समाजवादी नेता?

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की जेल से रिहाई की प्रक्रिया जल्द पूरी होने वाली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दी है, और उनके वकील के अनुसार, वह आज शाम या कल सुबह जेल से बाहर आ सकते हैं। इस बीच, राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि वह बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो सकते हैं, जिससे पार्टी की स्थिति मजबूत हो सकती है। आजम खान के खिलाफ कुल 16 एफआईआर दर्ज हैं, और उनकी रिहाई के बाद राजनीतिक हलचलें तेज होने की संभावना है।
 

आजम खान की रिहाई की प्रक्रिया

आजम खान: समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता आजम खान जल्द ही जेल से बाहर आने वाले हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें क्वालिटी बार जमीन हड़पने के मामले में जमानत दी थी, जिसके बाद उनकी रिहाई की प्रक्रिया मंगलवार को पूरी होने की उम्मीद है। पिछले 23 महीनों से सीतापुर जेल में बंद आजम खान की रिहाई आज होनी थी, लेकिन आधिकारिक रिहाई वारंट में देरी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया। जेल प्रशासन ने अब सभी आवश्यक तैयारियां कर ली हैं, ताकि उनकी रिहाई कल तक संभव हो सके।


जमानत की स्थिति

आजम खान के वकील जुबैर अहमद खान ने जानकारी दी कि उन्हें सभी मामलों में जमानत मिल चुकी है और नियमों के अनुसार, वह आज शाम या कल सुबह जेल से रिहा हो जाएंगे।


बसपा में शामिल होने की संभावनाएं

बसपा में शामिल होने की अटकलें 


इस बीच, राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि आजम खान बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल हो सकते हैं। बलिया की रसड़ा विधानसभा सीट से बसपा के विधायक उमाशंकर सिंह ने मीडिया से कहा कि अगर आजम खान पार्टी में आते हैं, तो उनका स्वागत किया जाएगा, जिससे पार्टी की राजनीतिक स्थिति मजबूत होगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें आजम खान की पत्नी तज़ीन फ़ातिमा और बसपा नेताओं के बीच किसी बैठक की जानकारी नहीं है।


आजम खान के खिलाफ मामले


आजम खान को कई मामलों में जमानत मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 18 सितंबर को उन्हें क्वालिटी बार जमीन हड़पने के मामले में जमानत दी थी। इस मामले में रामपुर के सिविल लाइंस थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। इससे पहले, सड़क जाम करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के 17 साल पुराने मामले में विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने उन्हें बरी किया था।


कुल 16 एफआईआर

आजम खान के खिलाफ कुल 16 एफआईआर


इसके अलावा, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 10 सितंबर को रामपुर की डूंगरपुर कॉलोनी में निवासियों को कथित जबरन बेदखल करने के मामले में भी आजम खान को जमानत दी थी। पिछले कुछ वर्षों में उनके खिलाफ कुल 16 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें विभिन्न आपराधिक आरोप शामिल हैं। उनकी रिहाई के बाद राजनीतिक और कानूनी हलचलें तेज होने की संभावना है।


आजम खान की रिहाई और संभावित बसपा में शामिल होने की चर्चा उत्तर प्रदेश की राजनीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है।