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आतंकवाद विकास के लिए गंभीर खतरा: एस जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में आतंकवाद को विकास के लिए एक गंभीर खतरा बताया। उन्होंने कहा कि दुनिया को आतंकवादी गतिविधियों के प्रति सहिष्णुता नहीं दिखानी चाहिए। जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय शांति और विकास के बीच के संबंधों में गिरावट की ओर भी इशारा किया। उन्होंने बहुपक्षवाद में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया और जी-20 के सदस्यों से स्थिरता को बढ़ाने की अपील की। इस महत्वपूर्ण बयान ने वैश्विक सुरक्षा और सहयोग के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया है।
 

जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में एस जयशंकर का बयान

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि आतंकवाद विकास के लिए एक निरंतर खतरा बना हुआ है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक समुदाय को आतंकवादी गतिविधियों के प्रति न तो सहिष्णुता दिखानी चाहिए और न ही उन्हें किसी प्रकार का सहयोग देना चाहिए।


जयशंकर ने जी-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में अपने संबोधन में कहा कि जो देश आतंकवादियों के खिलाफ किसी भी स्तर पर कार्रवाई करते हैं, वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।


अंतरराष्ट्रीय शांति और वैश्विक विकास के बीच के संबंधों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हाल के समय में इन दोनों में गिरावट आई है। उन्होंने बताया कि आतंकवाद विकास के लिए एक स्थायी खतरा है, जो शांति में बाधा डालता है।


उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि दुनिया आतंकवादी गतिविधियों के प्रति न तो सहिष्णुता दिखाए और न ही उन्हें सहयोग दे। जयशंकर ने यह भी कहा कि जब दुनिया संघर्ष, आर्थिक दबाव और आतंकवाद का सामना कर रही है, तब बहुपक्षवाद और संयुक्त राष्ट्र की सीमाएं स्पष्ट हो रही हैं।


उन्होंने कहा कि बहुपक्षवाद में सुधार की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक महसूस की जा रही है। आज अंतरराष्ट्रीय स्थिति राजनीतिक और आर्थिक दृष्टि से अस्थिर है।


जयशंकर ने कहा कि जी-20 के सदस्य के रूप में हमारी विशेष जिम्मेदारी है कि हम इसकी स्थिरता को मजबूत करें और इसे सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ाएं। यह वार्ता और कूटनीति के माध्यम से आतंकवाद का प्रभावी मुकाबला करके और ऊर्जा एवं आर्थिक सुरक्षा की आवश्यकता को समझकर किया जा सकता है।