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आरबीआई के नए दिशा-निर्देश: एटीएम में कम मूल्य के नोटों का वितरण बढ़ाने की तैयारी

भारतीय रिजर्व बैंक ने एटीएम में 100 और 200 रुपये के नोटों के वितरण को बढ़ावा देने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। वर्तमान में, लगभग 73 प्रतिशत एटीएम इस दिशा में तैयार हैं, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में एक महत्वपूर्ण वृद्धि है। यह कदम विशेष रूप से अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नकद लेन-देन को सुगम बनाएगा। जानें इस प्रक्रिया के अनुपालन की समयसीमा और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
 

भारतीय रिजर्व बैंक के नए नियम

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) समय-समय पर बैंकिंग क्षेत्र में नए नियम लागू करता है, जिससे ग्राहकों को सुविधाजनक सेवाएं मिलती रहें। इसी दिशा में, आरबीआई ने स्वचालित टेलर मशीनों (एटीएम) के माध्यम से कम मूल्य वाले नोटों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए निर्देश जारी किए हैं।


 


इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, सीएमएस इंफो सिस्टम्स के आंकड़ों के आधार पर, देशभर में लगभग 73 प्रतिशत एटीएम को 100 या 200 रुपये के नोट निकालने के लिए तैयार किया जा चुका है। यह आंकड़ा दिसंबर 2024 की तुलना में काफी बेहतर है, क्योंकि उस समय केवल 65 प्रतिशत एटीएम को कम मूल्य के नोटों के वितरण के लिए कॉन्फ़िगर किया गया था।


 


सीएमएस इन्फो सिस्टम्स, जो भारत की नकदी लॉजिस्टिक्स प्रदाता है, देश के 215,000 एटीएम में से लगभग 73,000 का प्रबंधन करती है। रिपोर्ट के अनुसार, सीएमएस इंफो सिस्टम्स के नकदी प्रबंधन के अध्यक्ष अनुष राघवन ने कहा कि उपभोक्ता खर्च का 60 प्रतिशत अभी भी नकद में होता है, इसलिए 100 और 200 रुपये के नोटों की उपलब्धता से दैनिक लेन-देन की आवश्यकताएं पूरी होंगी, विशेषकर अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में।


 


आरबीआई द्वारा अप्रैल 2025 में जारी किए गए परिपत्र में अनुपालन के लिए एक चरणबद्ध दृष्टिकोण का खाका प्रस्तुत किया गया है। 30 सितंबर 2025 तक, कम से कम 75 प्रतिशत एटीएम को इस दिशा में कदम उठाना होगा। इसके बाद, 31 मार्च 2026 तक यह संख्या बढ़कर 90 प्रतिशत हो जाएगी, जिससे रोजमर्रा के लेन-देन के लिए पहुंच में सुधार होगा।