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इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय के योग छात्रों का प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र का शैक्षणिक दौरा

इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय के योग विभाग के छात्रों ने महेंद्रगढ़ में एक प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र का शैक्षणिक दौरा किया। इस भ्रमण में छात्रों ने विभिन्न औषधि रहित चिकित्सा विधियों का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को नेचुरोपैथी और योग की बारीकियों से अवगत कराना था। इस अवसर पर प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों ने छात्रों को मार्गदर्शन दिया, जिससे उन्हें अपने स्वास्थ्य में सुधार करने के लिए आवश्यक ज्ञान मिला।
 

महेंद्रगढ़ में शैक्षणिक भ्रमण


महेंद्रगढ़। स्थानीय स्वामी ब्रह्मानंद योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा ट्रस्ट, बुचोली रोड़ पर इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय के योग विभाग के छात्रों और शिक्षकों ने एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने प्राकृतिक चिकित्सा और अन्य औषधि रहित चिकित्सा पद्धतियों का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया।


प्राकृतिक चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. भंवर सिंह कसाना ने बताया कि इस कार्यक्रम में 50 से अधिक छात्रों ने विभिन्न प्राकृतिक चिकित्सा विधियों जैसे मिट्टी चिकित्सा, भाप स्नान, शिरोधारा, और एक्यूप्रेशर का अनुभव किया।


नेचुरोपैथी का महत्व


योग विभाग के आचार्य प्रवीण ने बताया कि नेचुरोपैथी योग का एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसमें छात्रों को थ्योरी के साथ-साथ प्रैक्टिकल ज्ञान भी दिया जाता है। इस भ्रमण का उद्देश्य छात्रों को प्रैक्टिकल विधियों से अवगत कराना था। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. जयपाल सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय के कुल सचिव ने छात्रों को रवाना करने से पहले आशीर्वाद दिया।


डॉ. मनदीप ने कहा कि इस भ्रमण से छात्रों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा और वे भविष्य में इन चिकित्सा पद्धतियों का लाभ उठाते रहेंगे। योगाचार्य डॉ. धर्मवीर यादव ने बताया कि पिछले 7 वर्षों से यह चिकित्सालय छात्रों के शैक्षणिक भ्रमण का स्थल बना हुआ है।


सरल और सस्ती चिकित्सा पद्धतियाँ


योग शिक्षक अमिति ने बताया कि छात्र इस ज्ञान को सीखकर न केवल अपने स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं, बल्कि अपने परिवार के सदस्यों को भी स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकते हैं। यह पद्धतियाँ सरल और सस्ती हैं।


डॉ. भंवर सिंह ने बताया कि हर साल विभिन्न शिक्षण संस्थानों के छात्र यहाँ शैक्षणिक भ्रमण के लिए आते हैं और व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करते हैं।


संस्थान के प्रधान कैप्टन राजेंद्र सिंह खेड़ा ने सभी का धन्यवाद करते हुए कहा कि हम छात्रों को इस चिकित्सा पद्धति से जोड़ना चाहते हैं ताकि वे समाज का भी कल्याण कर सकें।