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इंफोसिस की नई कार्य नीति: कर्मचारियों के लिए ओवरटाइम पर चेतावनी

इंफोसिस ने अपने कर्मचारियों के लिए एक नई कार्य नीति लागू की है, जिसमें निर्धारित समय से अधिक काम करने पर चेतावनी भेजी जा रही है। कंपनी ने एक स्वचालित प्रणाली शुरू की है जो ओवरटाइम पर अलर्ट करती है। इसके साथ ही, कर्मचारियों को स्वस्थ कार्य-जीवन संतुलन बनाए रखने के लिए छोटे ब्रेक लेने की सलाह दी गई है। यह कदम भारतीय आईटी क्षेत्र में युवा पेशेवरों के स्वास्थ्य को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच आया है। जानें इस नई नीति के बारे में और क्या बदलाव हो रहे हैं।
 

इंफोसिस की कार्य नीति

इंफोसिस कार्य नीति: भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी, इंफोसिस, ने अपने कर्मचारियों को निर्धारित समय से अधिक काम करने पर व्यक्तिगत चेतावनी ईमेल भेजना शुरू कर दिया है। यह वही कंपनी है जिसके संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने हाल ही में हफ्ते में 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी। अब, कंपनी ने अपने कर्मचारियों के प्रति एक नया दृष्टिकोण अपनाया है। इंफोसिस ने एक स्वचालित प्रणाली लागू की है, जो किसी भी कर्मचारी के रोजाना 9 घंटे 15 मिनट से अधिक काम करने पर अलर्ट भेजती है।


‘ओवरटाइम न करें’

कुछ कर्मचारियों के अनुसार, एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्क फ्रॉम होम के दौरान यदि कोई निर्धारित समय से अधिक काम करता है, तो उसकी गतिविधियों की ट्रैकिंग की जाती है और रिपोर्ट एचआर को भेजी जाती है। इसके बाद, महीने के अंत में एचआर द्वारा एक विस्तृत ईमेल भेजा जाता है, जिसमें उस कर्मचारी के कुल कार्य घंटे, औसत दैनिक कार्य समय और ऑफिस न आने के दिनों का विवरण होता है।


नवीनतम कार्यस्थल नीति

इंफोसिस ने नवंबर 2023 में एक नई कार्यस्थल नीति लागू की थी, जिसके तहत कर्मचारियों के लिए हर महीने कम से कम 10 दिन ऑफिस आना अनिवार्य है। यदि वे घर से काम कर रहे हैं और समय सीमा से अधिक समय तक ऑनलाइन रहते हैं, तो एचआर एक नोटिस भेजता है।


छोटे ब्रेक लेने की सलाह

एचआर द्वारा भेजे गए मेल में कहा गया है कि कंपनी आपकी मेहनत की सराहना करती है, लेकिन यह भी मानती है कि दीर्घकालिक सफलता और खुशहाली के लिए एक स्वस्थ कार्य-जीवन संतुलन आवश्यक है। मेल में यह सलाह भी दी गई है कि कर्मचारी दिनभर में छोटे-छोटे ब्रेक लें और यदि उन्हें काम का अधिक दबाव महसूस हो, तो अपने प्रबंधक से बात करें।


स्वास्थ्य पर ध्यान

इंफोसिस का यह कदम उस समय आया है जब भारतीय आईटी क्षेत्र में युवा पेशेवरों के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएँ बढ़ रही हैं। असंतुलित दिनचर्या और नींद की कमी के कारण हृदय रोग जैसी समस्याएँ सामने आ रही हैं। कंपनी का यह रुख स्पष्ट करता है कि अब लंबे समय तक काम करने की बजाय मानसिक स्वास्थ्य और स्थायी उत्पादकता को प्राथमिकता दी जा रही है।