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इजराइल-ईरान संघर्ष में अमेरिका की भूमिका: ओवैसी की चेतावनी

इजराइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष में अमेरिका ने ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हवाई हमले किए हैं। इस पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने चेतावनी दी है कि ईरान अगले पांच वर्षों में परमाणु बम बना सकता है। उन्होंने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया और कहा कि इससे खाड़ी क्षेत्र में रहने वाले भारतीयों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
 

संघर्ष की पृष्ठभूमि

इजराइल और ईरान के बीच चल रहे युद्ध में अमेरिका ने भी अपनी भागीदारी बढ़ा दी है। हाल ही में, अमेरिकी वायुसेना ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान परमाणु संयंत्रों पर हवाई हमले किए। इन हमलों में फोर्डो को मुख्य लक्ष्य बनाया गया। ईरान ने इस हमले का जवाब देने की चेतावनी दी है।


इस घटना पर विभिन्न देशों से प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ईरान अगले पांच वर्षों में परमाणु बम बनाने की क्षमता हासिल कर सकता है।


ओवैसी ने अमेरिका के इस हमले को अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन बताया। उनका मानना है कि ईरान ने हमले से पहले अपने भंडार को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया होगा।


उन्होंने यह भी कहा कि इस हमले के बाद कई अरब देशों को यह महसूस होगा कि उन्हें भी परमाणु क्षमता की आवश्यकता है।


असदुद्दीन ओवैसी ने यह चेतावनी भी दी कि खाड़ी और मध्य पूर्व में 1.6 करोड़ से अधिक भारतीय रहते हैं। यदि इस क्षेत्र में युद्ध होता है, तो इसका गंभीर प्रभाव भारतीयों पर पड़ेगा। भारतीय कंपनियों ने अरब देशों में काफी निवेश किया है, और विदेशी निवेश का एक बड़ा हिस्सा इसी क्षेत्र से आता है।