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इजरायल-गाजा युद्ध: हमास की नई रणनीति और संघर्ष की जटिलताएँ

इजरायल और गाजा के बीच चल रहे युद्ध में हमास ने अपनी रणनीति में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। पिछले दो वर्षों में 65,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, लेकिन इजरायल की सेना अभी भी गाजा पट्टी के नियंत्रण में असफल रही है। हमास अब गुरिल्ला युद्ध की तकनीक अपना रहा है, जिससे संघर्ष और भी जटिल हो गया है। जानें इस संघर्ष की वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाएँ।
 

इजरायल और गाजा के बीच जारी संघर्ष

इजरायल-गाजा युद्ध: पिछले दो वर्षों से इजरायल और गाजा के बीच संघर्ष जारी है, जिसमें 65,000 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके बावजूद, इजरायल की शक्तिशाली सेना इस युद्ध में निर्णायक जीत हासिल करने में असफल रही है। गाजा पट्टी के लगभग 400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर इजरायली सेना और वायुसेना का नियंत्रण नहीं हो पाया है।


गाजा पर नियंत्रण की चुनौती

गाजा पर नियंत्रण पाने के लिए इजरायल की रक्षा बल (IDF) पिछले दो वर्षों से संघर्ष कर रही है। दूसरी ओर, हमास भी इस विशाल सेना का सामना करने के लिए तैयार है। हमास ने अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए गुरिल्ला युद्ध की शुरुआत की है।


गाजा सिटी पर कब्जा करना कठिन

इस संघर्ष में लगभग 10,000 हमास और अन्य सशस्त्र समूहों के लड़ाकों की मौत की खबरें आई हैं, फिर भी इजरायल अपनी जीत सुनिश्चित नहीं कर सका है। पिछले सप्ताह से इजरायली सेना ने जमीनी हमले शुरू कर दिए हैं, जबकि पहले हवाई हमलों पर अधिक ध्यान दिया गया था, जिसके कारण हजारों लोग मारे गए। गाजा सिटी पर कब्जा करने के लिए इजरायली सेना अपनी पूरी ताकत लगा रही है। अनुमान है कि अभी भी 600,000 से अधिक लोग वहां मौजूद हैं, जिनमें से लगभग 50,000 हमास के लड़ाके हैं, जो इजरायल के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध लड़ रहे हैं। गाजा में कई सुरंगें होने के कारण IDF के लिए लड़ाई करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।


हमास की रणनीति में बदलाव

हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, संगठन समय और आवश्यकता के अनुसार अपनी रणनीति में बदलाव करता है। दो वर्षों तक आमने-सामने की लड़ाई के बाद, अब हमास गुरिल्ला युद्ध की नीति अपना रहा है। संगठन के लड़ाके खुद को बचाते हुए अचानक इजरायली सैनिकों पर हमला कर रहे हैं। पूरा संगठन अब एक साथ हमले के बजाय छोटे-छोटे समूहों में बंट चुका है और अचानक हमले कर रहा है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह संघर्ष और भी लंबा खिंच सकता है। हालांकि, अमेरिकी एजेंसियों के अनुसार, हमास अब पहले की तुलना में कमजोर हो चुका है। इस युद्ध के दौरान कई लड़ाके और कमांडर मारे जा चुके हैं, और गुरिल्ला युद्ध इजरायली सेना के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है।