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इज़रायल और इरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच मिसाइल हमले की घटनाएँ

19 जून 2025 को इरान द्वारा इज़रायल के एक अस्पताल पर मिसाइल हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। इज़रायल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए इरान के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिससे कई लोग मारे गए। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इज़रायली योजना पर वीटो लगाया, लेकिन इसके बाद इज़रायली नेताओं ने अपने रुख में बदलाव किया। इस घटना ने एक बड़े युद्ध की आशंका को जन्म दिया है। जानें इस संघर्ष के पीछे की पूरी कहानी।
 

मिसाइल हमले का विवरण

19 जून 2025 को, इरान ने बेरशेबा में सोरोका मेडिकल सेंटर पर मिसाइल दागी, जिससे अस्पताल का एक हिस्सा गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया और 50 से अधिक लोग घायल हुए। हालांकि, सतर्कता के कारण कई जानें बच गईं। इरानी अधिकारियों का कहना है कि उनका असली निशाना पास की एक सैन्य कमान और इज़रायली रक्षा बल (IDF) का मुख्यालय था, लेकिन यह एक सीधा हमला था।


इस हमले के तुरंत बाद, इज़रायल ने जवाबी कार्रवाई की। रक्षा मंत्री इज़रायल कटज़ ने इरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्लाह अली खामेनेई को 'आधुनिक हिटलर' करार दिया और चेतावनी दी कि खामेनेई को जीवित रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भी खामेनेई को कड़ी सजा देने की बात कही और उन्हें 'भारी कीमत' चुकाने की चेतावनी दी।


कुछ ही घंटों में, इज़रायल ने ईराक, नतांज़ और अरक में इरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए। इन हमलों में लगभग 600 लोग मारे गए और 1,300 घायल हुए, जिनमें कई नागरिक भी शामिल थे। दक्षिण इज़रायल में शरणार्थियों और स्थानीय लोगों के बीच तनाव बढ़ गया।


अमेरिका का हस्तक्षेप

इस बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने खामेनेई को लक्षित करने की इज़रायली योजना पर वीटो लगाया। ट्रम्प ने स्पष्ट किया कि उस समय ऐसी कोई योजना नहीं बनाई जा रही थी, लेकिन उन्होंने इज़रायल की कार्रवाई का आंशिक समर्थन भी किया। उन्होंने इज़रायल को दो सप्ताह का समय दिया ताकि पहले कूटनीतिक प्रयासों को अंतिम रूप दिया जा सके, और कहा कि यदि इरान सकारात्मक प्रतिक्रिया देता है तो सैन्य कार्रवाई से बचा जा सकता है।


हालांकि, ट्रम्प के वीटो के 36 घंटों के भीतर ही नेतन्याहू और कटज़ ने खामेनेई को निशाना बनाने के अपने रुख को ठंडा करना शुरू कर दिया। उन्होंने अब शांति स्थापित करने और अंतरराष्ट्रीय दबाव को ध्यान में रखते हुए अगले कदमों पर विचार करने की बात कही।


कुल मिलाकर, इस घटना ने एक बड़े युद्ध की आशंका को बढ़ा दिया है। अस्पताल पर हमला और उसके बाद खामेनेई को सीधे निशाना बनाने की धमकी ने इज़रायल और इरान के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया। ट्रम्प के वीटो के बाद इज़रायली नेताओं की नीति में थोड़ी सावधानी आई है, लेकिन भविष्य में क्या होगा, यह अभी अनिश्चित है।