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इमरान मसूद ने अमित शाह पर उठाए सवाल, ट्रंप के बयान पर दी प्रतिक्रिया

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर इतिहास को बदलने का आरोप लगाया है। उन्होंने ट्रंप के ईरान-इजरायल सीजफायर प्रस्ताव पर भी टिप्पणी की, जिसमें उन्होंने कहा कि कोई भी ट्रंप को गंभीरता से नहीं लेगा। मसूद ने बिलावल भुट्टो के विवादास्पद बयान पर भी प्रतिक्रिया दी और पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में पाकिस्तान का नाम लिया। जानें पूरी कहानी में और क्या कहा मसूद ने।
 

कांग्रेस सांसद का अमित शाह पर आरोप

नई दिल्ली: कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला किया है। उन्होंने शाह पर इतिहास को बदलने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह किस इतिहास की बात कर रहे हैं।


ट्रंप के सीजफायर पर मसूद की टिप्पणी

मसूद ने मंगलवार को एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा, "अमित शाह हमेशा इतिहास के पन्ने पलटते रहते हैं। उन्हें बताना चाहिए कि वह किस इतिहास को लिखने का प्रयास कर रहे हैं।"


उन्होंने ईरान और इजरायल के बीच ट्रंप द्वारा घोषित सीजफायर पर भी अपनी राय व्यक्त की। उनका कहना था, "ट्रंप की स्थिति को देखते हुए, मुझे लगता है कि कुछ समय बाद कोई भी उन्हें गंभीरता से नहीं लेगा। वह पहले रूस-यूक्रेन के बीच सीजफायर की बात कर रहे थे, लेकिन वह सफल नहीं हुआ। अब वह ईरान-इजरायल के बीच सीजफायर की कोशिश कर रहे हैं, जबकि खामेनेई ने स्पष्ट किया है कि ईरान सरेंडर नहीं करेगा।"


बिलावल भुट्टो के बयान पर प्रतिक्रिया

बिलावल भुट्टो के विवादास्पद बयान पर, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत सिंधु जल समझौता तोड़ता है तो युद्ध होगा, मसूद ने कहा, "उनकी कोई औकात नहीं है, वे हमारे सामने टिक नहीं सकते।"


पहलगाम आतंकी हमले पर सवाल

इमरान मसूद ने हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, "एनआईए ने खुलासा किया है कि हमले में शामिल आतंकवादी पाकिस्तान से थे। उनके स्केच भी जारी किए गए हैं। मैं पूछता हूं कि अगर ये आतंकवादी पाकिस्तान के हैं, तो यह किसकी विफलता है? मैं मांग करता हूं कि आतंकियों को पकड़कर सजा दी जाए।"


ट्रंप का सीजफायर प्रस्ताव

ज्ञात हो कि ईरान और इजरायल के बीच सीजफायर का ऐलान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किया था। इसके बाद ईरान ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और इजरायल पर हमले जारी रखे। ट्रंप ने कहा कि ईरान और इजरायल उनके पास शांति की बात करने आए थे।