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ईरान के संभावित नेता: मोजतबा खामेनेई का परिचय

इस लेख में हम मोजतबा खामेनेई के बारे में चर्चा करेंगे, जो अयातुल्ला खामेनेई के संभावित उत्तराधिकारी माने जा रहे हैं। ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच, मोजतबा की भूमिका और उनके राजनीतिक सफर पर एक नजर डालेंगे। जानें कि कैसे वे अपने पिता के प्रभाव को आगे बढ़ा सकते हैं और ईरान की राजनीति में उनकी संभावित भूमिका क्या हो सकती है।
 

ईरान और इजराइल के बीच बढ़ता तनाव

मोजतबा खामेनेई कौन हैं?: इजराइल और ईरान के बीच युद्ध की स्थिति बनी हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया है कि कोई सीजफायर नहीं होगा, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह संघर्ष निर्णायक मोड़ पर पहुंचने वाला है। इस बीच, ईरान ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि वह हस्तक्षेप न करे, अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। वहीं, डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि उन्हें अयातुल्ला अली खामेनेई के ठिकाने की जानकारी है, लेकिन फिलहाल वे उन्हें मारने का इरादा नहीं रखते, हालांकि धैर्य की परीक्षा हो रही है।


खामेनेई के उत्तराधिकारी की संभावनाएं

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक साक्षात्कार में कहा है कि अयातुल्ला खामेनेई की हत्या की संभावना भी है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि खामेनेई का अंत होता है, तो दोनों देशों के बीच का तनाव समाप्त हो सकता है। अब हम उन नेताओं पर चर्चा करेंगे, जो अयातुल्ला खामेनेई की जगह ले सकते हैं।


खामेनेई के संभावित उत्तराधिकारी

5 नेता, जो हो सकते हैं खामेनेई के उत्तराधिकारी


अयातुल्ला खामेनेई के उत्तराधिकारी के रूप में जिन 5 नेताओं के नाम चर्चा में हैं, वे हैं: मोजतबा खामेनेई, अलीरेजा अराफी, अली असगर हेजाजी, मोहम्मद गोलपायेगानी, और नेतृत्व परिषद। इनमें से मोजतबा खामेनेई को सबसे अधिक संभावित माना जा रहा है।


मोजतबा खामेनेई का परिचय

कौन हैं मोजतबा खामेनेई?


मोजतबा खामेनेई, अयातुल्ला खामेनेई के दूसरे बेटे हैं और उन्हें सबसे संभावित उत्तराधिकारी माना जाता है। उनका जन्म 8 सितंबर 1969 को मशहद, ईरान में हुआ था। वे अपने पिता के कार्यालय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 1987 में, उन्होंने माध्यमिक विद्यालय की पढ़ाई पूरी की और बाद में IRGC में शामिल हो गए। उन्होंने 1980 से 1988 तक देश के लिए लड़ाई लड़ी।


1990 के दशक के अंत में, मोजतबा ने धार्मिक शिक्षा प्राप्त की और शिया इस्लाम के प्रमुख मौलवियों के अधीन अध्ययन किया। इसके बाद, उन्होंने मदरसे में पढ़ाना शुरू किया और 21वीं सदी की शुरुआत में ईरान के शीर्ष मौलवियों के करीबी बन गए।