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ईरान पर अमेरिकी हमले के बाद वैश्विक कूटनीति में तेजी

अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु स्थलों पर किए गए हमले के बाद, वैश्विक कूटनीति में तेजी आई है। इस संदर्भ में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाई गई है। फ्रांस, पाकिस्तान और सऊदी अरब जैसे देशों ने इस मुद्दे पर अपनी चिंताओं और प्रतिक्रियाओं को व्यक्त किया है। जानें इस संकट पर विभिन्न देशों की प्रतिक्रियाएँ और आगे की संभावनाएँ।
 

कूटनीतिक गतिविधियों में वृद्धि

नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु स्थलों पर किए गए हमले के बाद, वैश्विक स्तर पर कूटनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। इस हमले के बाद, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक का आयोजन किया गया, जिसे ईरान ने बुलाने का अनुरोध किया था। भारतीय समयानुसार यह बैठक रात 12:30 बजे आयोजित की गई। इसी बीच, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने भी सोमवार को एक आपात बैठक का ऐलान किया है।


IAEA की बैठक और फ्रांस की प्रतिक्रिया

IAEA के प्रमुख राफेल ग्रोसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी कि सोमवार को बैठक होगी। ईरान पर अमेरिकी हमलों के बाद, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रविवार को एक आपात बैठक बुलाई। मैक्रों ने इस मुद्दे पर सऊदी अरब और ओमान के नेताओं से बातचीत की है और अब वे यूरोपीय नेताओं से भी चर्चा करेंगे। फ्रांस ने स्पष्ट किया है कि उसने अमेरिकी हमलों में भाग नहीं लिया। फ्रांसीसी विदेश मंत्री ज्यां नोएल बैरोट ने ईरान पर हमले को लेकर चिंता व्यक्त की और सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील की।


पाकिस्तान और सऊदी अरब की प्रतिक्रियाएँ

हाल के दिनों में अमेरिका के साथ संबंध मजबूत कर रहे पाकिस्तान ने ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिकी हमलों की निंदा की है। उन्होंने कहा कि ये हमले अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हैं और ईरान को अपनी आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ईरान को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत अपनी संप्रभुता और लोगों की सुरक्षा के लिए जवाब देने का अधिकार है। वहीं, सऊदी अरब ने ईरान में अमेरिकी हवाई हमलों के बाद संतुलित प्रतिक्रिया दी है। सऊदी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वह ईरान में, विशेषकर उसकी परमाणु साइटों पर हो रहे हमलों को लेकर गहरी चिंता में है।