उत्तर प्रदेश में पुराने वाहनों पर प्रतिबंध: नोएडा और गाजियाबाद में नई नीति लागू
उत्तर प्रदेश का नया निर्णय
उत्तर प्रदेश ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। 1 नवंबर 2025 से, नोएडा और गाजियाबाद में पुराने वाहनों को पेट्रोल या डीजल नहीं दिया जाएगा। यह निर्णय वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए सरकार की पहल का हिस्सा है।क्यों लागू किया गया यह नियम? राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पहले से लागू 'एंड-ऑफ़-लाइफ' वाहन नीति को अब नोएडा और गाजियाबाद में भी लागू किया जा रहा है। इसके तहत, 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल और 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों को सड़क पर चलने से रोका जाएगा।
कैसे होगी पहचान? 222 पेट्रोल पंपों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रेकग्निशन (ANPR) कैमरे लगाए जाएंगे, जो अपने आप वाहनों की उम्र को ट्रांसपोर्ट डेटाबेस से मिलाकर ईंधन की आपूर्ति रोक देंगे।
कौन-कौन प्रभावित होंगे? इस नियम के तहत नोएडा और गाजियाबाद में लगभग 2.08 लाख वाहन शामिल हैं, जिनमें 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल और 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहन शामिल हैं।
कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिन वाहनों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा, उन्हें पुलिस या ट्रैफिक टीम द्वारा जब्त किया जा सकता है और स्क्रैप किया जा सकता है। यदि कोई वाहन मालिक अपने वाहन को दूसरे जिले में ले जाना चाहता है, तो उसे अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लेना होगा।
प्रशासन की तैयारी में शामिल हैं: 1. वाहन मालिकों को पहले ही नोटिस दिया जा चुका है। 2. पेट्रोल पंप और ट्रैफिक पुलिस के डेटा को ट्रैक करने के लिए कंट्रोल रूम बनाए जाएंगे। 3. पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने या इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा।
नागरिकों के लिए विकल्प: प्रशासन ने सुझाव दिया है कि लोग सार्वजनिक परिवहन (बस, मेट्रो) का उपयोग करें, कारपूलिंग अपनाएं, या इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ें।