उत्तर प्रदेश में विवाद के बाद मौलाना तौकीर रजा की गिरफ्तारी
बरेली और मऊ में विवाद के बाद कार्रवाई
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बरेली और मऊ में शुक्रवार को उत्पन्न विवाद के बाद राज्य सरकार ने कठोर कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्होंने जुमे की नमाज के बाद लोगों को इकट्ठा होने के लिए प्रेरित किया था। प्रशासन ने हिंसा को रोकने के लिए बरेली में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘आई लव मोहम्मद’ के नाम पर विवाद को एक साजिश करार देते हुए कहा कि हिंदू त्योहारों के नजदीक आते ही कुछ लोगों की गतिविधियां बढ़ जाती हैं, जिससे स्थिति को नियंत्रित करने की आवश्यकता होती है।
पुलिस की कार्रवाई और जांच टीम का गठन
पुलिस ने शनिवार शाम को इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं और हिंसा की जांच के लिए एक टीम का गठन किया है, जिसे 10 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। इससे पहले, इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा सहित आठ व्यक्तियों को बरेली पुलिस ने गिरफ्तार किया। इसके अलावा, 39 अन्य लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। मौलाना तौकीर रजा को 14 दिनों के लिए जेल भेजा गया है, पहले बरेली जेल में और फिर शाम को फतेहगढ़ जेल में।
पुलिस की कार्रवाई और स्थिति की जानकारी
पुलिस ने बताया कि दो हजार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पांच थानों में मामले दर्ज किए गए हैं। 10 मामलों में से सात में मौलाना तौकीर रजा का नाम शामिल है। इंटरनेट सेवाएं निलंबित करने के बाद, बरेली रेंज के डीआईजी अजय कुमार साहनी ने कहा कि स्थिति सामान्य होने पर इंटरनेट सेवा फिर से शुरू की जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि अब तक 39 लोगों की पहचान की जा चुकी है और मौलाना तौकीर रजा मुख्य साजिशकर्ता के रूप में उभरे हैं।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा, ‘मौलाना को यह याद रखना चाहिए कि शासन किसका है। वह सोचता था कि वह धमकी देकर और जबरदस्ती जाम कर देगा। हमने स्पष्ट कर दिया कि ऐसा नहीं होगा। हम कर्फ्यू नहीं लगने देंगे और ऐसा सबक सिखाएंगे कि उनकी आने वाली पीढ़ियां दंगे करना भूल जाएंगी।’ मुख्यमंत्री ने श्रावस्ती में बरेसी विवाद पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कुछ लोग शांति और लोक कल्याण को पसंद नहीं करते और हिंदू त्योहारों के समय उनकी गतिविधियां बढ़ जाती हैं।