उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र: हंगामे के बीच शुरू हुआ
सत्र की शुरुआत और विपक्ष के आरोप
उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार, 11 अगस्त को हंगामेदार माहौल में आरंभ हुआ। जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, समाजवादी पार्टी के नेता माता प्रसाद पांडेय ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हाल ही में गोरखपुर यात्रा के दौरान उन्हें अपमानित किया गया। पांडेय ने बताया कि जब वह जटाशंकर चौरा, घंटाघर के पास उत्तर प्रदेश सरकार के विरासत कॉरिडोर मुद्दे पर जनता से संवाद करने पहुंचे, तो उनके रास्ते में बुलडोजर खड़े कर दिए गए और उनके खिलाफ नारेबाजी की गई। उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।पांडेय ने आगे कहा कि वह अपने विधान परिषद के नेता के साथ गोरखपुर जा रहे थे, लेकिन उनकी यात्रा में बाधा डाली गई। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस की गाड़ी, जो पहले उनके साथ थी, अचानक पीछे हट गई, जिससे ऐसा प्रतीत हुआ कि उन्हें गाड़ी से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा था। पांडेय ने इस घटना को गंभीर बताते हुए सरकार से इसकी जांच की मांग की।
मुख्यमंत्री का स्पष्टीकरण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांडेय के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि जिन लोगों ने उनका विरोध किया, वे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से संबंधित नहीं थे। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह विरोध व्यापारियों का था और यह केवल गोरखपुर तक सीमित नहीं था, बल्कि प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी व्यापारी वर्ग समाजवादी पार्टी का विरोध कर रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पांडेय गोरखपुर नहीं गए थे, बल्कि पार्टी के उच्च नेतृत्व के निर्देश पर वहां गए थे।
सुरेश खन्ना का बयान
विधानसभा में विपक्ष के नेता की मांग पर संसद मामलों के मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि यह पूरा मामला राजनीतिक साजिश के तहत उठाया गया है। उनका कहना था कि यदि घटना में कुछ हुआ ही नहीं, तो इसकी जांच की आवश्यकता क्यों है। उन्होंने इसे राजनीतिक इरादों से प्रेरित बताया।