उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने परीक्षा गड़बड़ी पर कड़ा रुख अपनाया
मुख्यमंत्री का सख्त संदेश
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को परीक्षा में गड़बड़ी के मामलों पर सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग राज्य को अराजकता की ओर धकेलने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे विकास कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही है।
उन्होंने चेतावनी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही जनकल्याणकारी योजनाओं को रोकने का प्रयास करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, डेमोग्राफिक चेंज को रोकने के लिए राशन कार्ड, आधार कार्ड, बिजली कनेक्शन और बसावट में शामिल अपात्र लोगों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। सभी जिला अधिकारियों को इस संबंध में स्पष्ट आदेश जारी किए गए हैं।
परीक्षा गड़बड़ी के मुद्दे पर धामी ने पत्रकारों से कहा, “कुछ लोग साजिश के तहत राज्य को अराजकता की ओर धकेलने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे विकास कार्यों में विघ्न आ रहा है। वे प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं और राज्य की विकास परियोजनाओं को रोकने की कोशिश कर रहे हैं, साथ ही फेक नेगेटिविटी फैला रहे हैं।
यह बयान हाल ही में स्नातक स्तरीय परीक्षा पेपर लीक मामले के बाद आया है, जिसमें धामी सरकार ने परीक्षा रद्द कर दी थी। हाल में जारी जांच आयोग की रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लिया गया, जिसमें लगभग 1.05 लाख अभ्यर्थी शामिल थे। छात्रों और राजनीतिक दलों की मांग पर भाजपा विधायकों ने भी सीएम से मुलाकात की थी।
धामी ने कहा कि 2021 से 2025 तक प्रदेश में 25 हजार से अधिक नियुक्तियां बिना नकल के पारदर्शिता के साथ की गई हैं। सरकार परीक्षाओं को पूरी तरह नकलविहीन बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। पेपर लीक माफिया के खिलाफ एसआईटी जांच चल रही है, जो हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में है। युवाओं की सीबीआई जांच की मांग पर सरकार ने संस्तुति करने का ऐलान किया है।
सीएम ने कहा कि युवा त्योहारों के बीच आंदोलन कर रहे हैं, और उनकी शंकाओं को दूर करना सरकार का दायित्व है। उन्होंने छात्रों से भावुक अपील की कि वे परीक्षा प्रक्रिया पर भरोसा रखें, क्योंकि राज्य में सरकारी नौकरियों के लिए उनके सपने पूरे होंगे।