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उत्तराखंड में कर्मचारियों के DA में 11% की वृद्धि: जानें कब मिलेगा लाभ

उत्तराखंड सरकार ने सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते में 11% की वृद्धि की घोषणा की है। यह वृद्धि पाँचवें और छठे वेतन आयोग के तहत कार्यरत कर्मचारियों के लिए लागू होगी। जानें कब से इस वृद्धि का लाभ मिलेगा और महंगाई भत्ते की गणना कैसे की जाती है। यह जानकारी कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर दशहरा से पहले की गई इस घोषणा के संदर्भ में।
 

DA में वृद्धि की घोषणा


DA Hike Update: उत्तराखंड सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में महत्वपूर्ण वृद्धि की है। यह निर्णय राज्य के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए लाभकारी साबित होगा। राज्य सरकार ने पाँचवें और छठे वेतन आयोग के तहत कार्यरत कर्मचारियों के DA में वृद्धि को मंजूरी दी है।


सरकार ने पाँचवें वेतनमान के तहत कार्यरत कर्मचारियों का DA 45.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 46 प्रतिशत और छठे वेतनमान के तहत कार्यरत कर्मचारियों का DA 246 से बढ़ाकर 252 करने का निर्णय लिया है। इससे लाखों कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन में वृद्धि होगी। यह घोषणा दशहरा से पहले की गई है और इसे पुष्कर सिंह धामी की पहली बड़ी घोषणा माना जा रहा है।


महंगाई भत्ते में वृद्धि का लाभ कब मिलेगा?

कर्मचारियों के मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि महंगाई भत्ते में वृद्धि का लाभ कब से मिलेगा। पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि पाँचवें वेतनमान के तहत कार्यरत सार्वजनिक निकायों और उपक्रमों के कर्मचारियों के लिए 1 जनवरी, 2025 से महंगाई भत्ते की दर 455 प्रतिशत से बढ़ाकर 466 प्रतिशत कर दी जाएगी।


छठे केंद्रीय वेतनमान के तहत कार्यरत कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 24 प्रतिशत से बढ़ाकर 252 प्रतिशत किया जाएगा। यह वृद्धि भी 1 जनवरी, 2025 से लागू होगी।


महंगाई भत्ते की गणना कैसे होती है?

महंगाई भत्ते की गणना कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई से राहत देने के लिए की जाती है। यह गणना महंगाई दर के आधार पर की जाती है। विभिन्न कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते के नियम अलग-अलग होते हैं। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए औसत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) का उपयोग किया जाता है।


राज्यों में DA की गणना केंद्र सरकार की घोषणाओं पर निर्भर करती है। कई राज्य केंद्र सरकार की दरों को अपनाते हैं, जैसे उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, और राजस्थान। कुछ राज्य अपने विवेक से DA तय करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि केंद्र सरकार DA 50% घोषित करती है, तो इसे स्वीकार करने वाले राज्य अपने कर्मचारियों के मूल वेतन का 50% DA देंगे।