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उद्धव और राज ठाकरे का बीएमसी चुनावों के लिए गठबंधन

उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने बीएमसी और नासिक नगर निगम चुनावों के लिए गठबंधन की घोषणा की है। यह गठबंधन मराठी वोट बैंक को मजबूत करने और भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति को चुनौती देने के उद्देश्य से बनाया गया है। दोनों नेताओं ने इस गठबंधन को महाराष्ट्र की पहचान की रक्षा के लिए आवश्यक बताया है। राज ठाकरे ने चेतावनी दी है कि कुछ गिरोह चुनाव लड़ने की इच्छुक लोगों को डराने का प्रयास कर रहे हैं। इस गठबंधन का लक्ष्य बीएमसी की 227 सीटों में से 113 वार्डों पर नियंत्रण स्थापित करना है।
 

गठबंधन की औपचारिक घोषणा

शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के संस्थापक राज ठाकरे ने बुधवार को बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और नासिक नगर निगम के आगामी चुनावों के लिए अपने गठबंधन की औपचारिक घोषणा की। यह सहयोग मराठी वोट बैंक को मजबूत करने और भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति को चुनौती देने के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक पुनर्गठन का संकेत है।


श्रद्धांजलि और प्रेस कॉन्फ्रेंस

दोनों चचेरे भाइयों ने दादर के छत्रपति शिवाजी पार्क में शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गठबंधन की जानकारी साझा की।


गठबंधन का उद्देश्य

राज ठाकरे ने कहा कि अगला मेयर मराठी मानुष होगा। उद्धव ठाकरे ने इस गठबंधन को मुंबई और महाराष्ट्र की पहचान की रक्षा के लिए आवश्यक बताया। उन्होंने मराठी मानुष से एकजुट रहने और दबाव का सामना करने की अपील की।


राज ठाकरे की चेतावनी

राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र को बचाने के लिए यह गठबंधन जरूरी था और चेतावनी दी कि कुछ गिरोह चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वालों को डराने का प्रयास कर रहे हैं।


गठबंधन का समर्थन

उद्धव ठाकरे ने कहा कि जो भी व्यक्ति महाराष्ट्र की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे वह भाजपा में हो, उसका स्वागत है। उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस ने पहले ही अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। यूबीटी-एमएनएस गठबंधन इस फैसले से स्वतंत्र है।


भाजपा के खिलाफ रणनीति

यह गठबंधन भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति का मुकाबला करने के लिए एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है, विशेषकर मुंबई में, जहां 2022 में शिवसेना के विभाजन के बाद से मराठी वोट बंट गया है। दोनों नेता शिवसेना के पारंपरिक आधार को पुनः प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।


बीएमसी चुनावों का लक्ष्य

गठबंधन बीएमसी की 227 सीटों में से लगभग 113 वार्डों पर नियंत्रण स्थापित करने का लक्ष्य रखता है, जिनमें से 72 मराठी बहुल और 41 मुस्लिम प्रभावित हैं। 2024 के विधानसभा चुनावों में हार के बाद, ठाकरे के दोनों गुट अब राजनीतिक अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यह गठबंधन एकनाथ शिंदे के बाल ठाकरे की विरासत के असली वारिस होने के दावे को चुनौती देता है।


ठाकरे ब्रांड की ताकत

दोनों चचेरे भाई इस बात पर विश्वास कर रहे हैं कि 'ठाकरे ब्रांड' अब भी मुंबई की राजनीतिक धारा को प्रभावित कर सकता है।