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उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की एकजुटता: निकाय चुनाव से पहले महत्वपूर्ण बैठक

उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की हालिया एकजुटता निकाय चुनावों से पहले महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उद्धव ने दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक में भाग लिया और राज ठाकरे की संभावित भागीदारी पर सवालों का जवाब दिया। दोनों भाइयों ने 20 साल बाद एक मंच साझा किया, जिसमें उद्धव ने भविष्य में एक साथ चुनाव लड़ने की बात की। इस बीच, उद्धव ने केंद्र सरकार पर भी तीखा हमला किया, जिससे राजनीतिक माहौल और भी गरम हो गया है। जानें इस महत्वपूर्ण बैठक के बारे में और क्या हो सकता है आगे।
 

उद्धव ठाकरे की दिल्ली यात्रा

उद्धव ठाकरे: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएएस) के प्रमुख राज ठाकरे हाल ही में एक साथ दिखाई दिए हैं। निकाय चुनावों से पहले दोनों भाइयों की यह एकजुटता महत्वपूर्ण मानी जा रही है। उद्धव ठाकरे दिल्ली में इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल होने आए हैं।


राज ठाकरे की बैठक में भागीदारी पर सवाल

बैठक से पहले पत्रकारों ने उद्धव ठाकरे से पूछा कि क्या राज ठाकरे इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल होंगे। इस पर उद्धव ने स्पष्ट किया कि दोनों भाई सक्षम हैं और जो भी निर्णय लेना है, वे खुद करेंगे, किसी तीसरे व्यक्ति की आवश्यकता नहीं है।



20 साल बाद एक मंच पर

20 साल बाद एक मंच पर दिखे थे राज और उद्धव ठाकरे


राज और उद्धव ठाकरे 5 जुलाई को 20 साल बाद एक मंच पर नजर आए थे। इस अवसर पर उद्धव ने कहा था कि वे भविष्य में एक साथ चुनाव लड़ेंगे, लेकिन राज ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। उद्धव का गठबंधन महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार) के साथ है।


राज ठाकरे का गठबंधन में शामिल होना

गठबंधन में शामिल होंगे राज ठाकरे


यह गठबंधन लोकसभा और विधानसभा चुनावों में एक साथ लड़ा गया है, जिसमें महायुति के साथ मुकाबला हुआ। अब यह देखना होगा कि राज ठाकरे के आने से क्या कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी के साथ ठाकरे बंधु एकजुट रहेंगे या अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे। महाराष्ट्र में इस साल के अंत में निकाय चुनाव होने की संभावना है। महायुति अधिकांश शहरों में एक साथ चुनाव लड़ेगा, लेकिन कुछ स्थानों पर मित्रवत मुकाबला भी हो सकता है।


उद्धव ठाकरे का केंद्र सरकार पर हमला

उद्धव ठाकरे ने SIR मुद्दे पर केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि मतदाताओं को अपनी पहचान बतानी पड़ेगी, जिसका मतलब है कि देश में अघोषित एनआरसी लागू कर दी गई है। उन्होंने चुनाव आयोग से इस मुद्दे पर तुरंत स्पष्टीकरण देने की मांग की। ठाकरे ने यह भी आरोप लगाया कि बिहार की मतदाता सूची में गड़बड़ी है।