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उद्धव ठाकरे ने महाविकास आघाड़ी की उपयोगिता पर उठाए सवाल

उद्धव ठाकरे ने महाविकास आघाड़ी की उपयोगिता पर सवाल उठाते हुए चेतावनी दी है कि यदि आगामी विधानसभा चुनावों में पूर्व की गलतियों को दोहराया गया, तो गठबंधन का कोई औचित्य नहीं रहेगा। उन्होंने गठबंधन की चुनौतियों और मतदाताओं में निराशा के बारे में भी बात की। ठाकरे ने कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी को अपनी गलतियों को स्वीकार कर एकजुट होना होगा। 2024 के लोकसभा चुनावों में एमवीए ने अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा।
 

महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल

Maharashtra Politics: शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के महत्व पर गंभीर प्रश्न उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यदि आगामी विधानसभा चुनावों में पूर्व की गलतियों को दोहराया गया, तो गठबंधन का कोई मतलब नहीं रहेगा। इस बयान ने महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति में फिर से हलचल पैदा कर दी है।


गठबंधन की चुनौतियाँ

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, उद्धव ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद, विधानसभा चुनावों में एमवीए को हार का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत अहंकार और समन्वय की कमी ने स्थिति को बिगाड़ दिया। सीट बंटवारे और उम्मीदवारों के चयन में देरी के कारण जनता में गलत संदेश गया, जिससे गठबंधन की छवि को नुकसान हुआ।


गठबंधन के कारण नुकसान

उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि गठबंधन के कारण उनकी पार्टी को उन सीटों से भी हाथ धोना पड़ा, जिन्हें वह पहले जीत चुकी थी। उन्होंने स्वीकार किया कि 'लाडकी बहिन' जैसी योजनाएं, फर्जी मतदाता सूचियां और ईवीएम जैसे मुद्दों ने चुनावी संभावनाओं पर नकारात्मक प्रभाव डाला।


मतदाताओं में निराशा

पूर्व मुख्यमंत्री ने यह आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ सीटों पर उम्मीदवारों का चयन अंतिम समय तक नहीं हो सका, जिससे मतदाताओं में भ्रम और निराशा फैली। उनका यह बयान आगामी चुनावों के लिए गठबंधन की रणनीति और भविष्य को लेकर चिंता उत्पन्न करता है।


चेतावनी का संदेश

उद्धव ठाकरे ने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में ऐसी गलतियों को नहीं सुधारा गया, तो गठबंधन का कोई औचित्य नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी को ईमानदारी से अपनी गलतियों को स्वीकार करना होगा और रणनीतिक रूप से फिर से एकजुट होना होगा।


लोकसभा चुनावों में सफलता

2024 के लोकसभा चुनावों में, एमवीए ने महाराष्ट्र की 48 में से 30 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया था। हालांकि, विधानसभा चुनावों में गठबंधन को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। भाजपा ने 132, एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 57 और अजित पवार की एनसीपी ने 41 सीटें जीतीं, जबकि एमवीए को केवल 46 सीटें मिलीं।