उद्योगों को पीएम विकसित भारत रोजगार योजना का लाभ उठाने की सलाह
जिला उपायुक्त का आह्वान
जिला उपायुक्त अभिषेक मीणा ने जिले के औद्योगिक संस्थानों से प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना (PMVBRY) का अधिकतम लाभ उठाने की अपील की है। उनका कहना है कि यह योजना रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के साथ-साथ उद्योगों को एक मजबूत कार्यबल प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
योजना का विवरण
डीसी अभिषेक मीणा ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा स्वीकृत यह रोजगार आधारित प्रोत्साहन योजना 1 अगस्त 2025 से “प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना” (PMVBRY) के नाम से लागू की जाएगी। यह योजना विकसित भारत की दृष्टि के अनुरूप तैयार की गई है और इसका उद्देश्य देशभर में समावेशी और स्थायी रोजगार के अवसर प्रदान करना है। योजना को दो भागों में विभाजित किया गया है।
भाग-ए: पहली बार रोजगार पाने वालों के लिए प्रोत्साहन
इस भाग में, ईपीएफओ (EPFO) में पहली बार पंजीकृत कर्मचारियों को एक माह के ईपीएफ वेतन के बराबर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा 15,000 रुपये होगी। यह राशि दो किश्तों में दी जाएगी। एक लाख रुपये तक वेतन पाने वाले कर्मचारी इस योजना के लिए पात्र होंगे। पहली किश्त छह माह की सेवा पूरी होने पर और दूसरी किश्त बारह माह की सेवा और वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने के बाद दी जाएगी। प्रोत्साहन राशि का एक हिस्सा बचत साधन या जमा खाते में रखा जाएगा।
भाग-बी: नियोक्ताओं के लिए सहायता
इस भाग के तहत सभी क्षेत्रों में अतिरिक्त रोजगार सृजन को प्रोत्साहित किया जाएगा, विशेष रूप से विनिर्माण क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। सरकार एक लाख रुपये तक वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहन प्रदान करेगी। यदि नियोक्ता न्यूनतम छह माह तक निरंतर रोजगार प्रदान करते हैं, तो प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो वर्षों तक अधिकतम 3,000 रुपये प्रति माह की सहायता दी जाएगी। विनिर्माण क्षेत्र के लिए यह प्रोत्साहन तीसरे और चौथे वर्ष तक भी बढ़ाया जाएगा।
योजना का लाभ उठाने की शर्तें
डीसी ने बताया कि योजना का लाभ उठाने के लिए ईपीएफओ से पंजीकृत प्रतिष्ठानों को कम से कम छह माह के लिए निरंतर आधार पर अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति करनी होगी। 50 से कम कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं को कम से कम दो अतिरिक्त कर्मचारी और 50 या अधिक कर्मचारियों वाले नियोक्ताओं को कम से कम पांच अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति करनी आवश्यक होगी।