उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक: एक ऐतिहासिक उपलब्धि
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक प्रोजेक्ट भारतीय रेलवे के इंजीनियरिंग कौशल का एक अद्वितीय उदाहरण है। यह 272 किलोमीटर लंबी रेल लाइन, जो 43,780 करोड़ रुपये की लागत से तैयार की गई है, हिमालय के कठिन भूभागों से होकर गुजरती है। इस प्रोजेक्ट का विचार 1970 के दशक में आया था और इसे 1994 में आधिकारिक मंजूरी मिली। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय 2002 में इसका निर्माण कार्य शुरू हुआ।
लागत में वृद्धि
इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 2022 में लगभग 28,000 करोड़ रुपये थी, जो 2025 तक बढ़कर 43,780 करोड़ रुपये हो गई। यह रेल मार्ग जम्मू तवी को कश्मीर घाटी के बारामूला शहर से जोड़ता है, जिसमें उधमपुर, कटरा, श्रीनगर और बनिहाल जैसे प्रमुख स्थान शामिल हैं। इस रेल लिंक के पूरा होने से बर्फबारी के दौरान भी इन क्षेत्रों में परिवहन की सुविधा में सुधार होगा।
प्रमुख उपलब्धियां
दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल: चिनाब ब्रिज, जो इस प्रोजेक्ट का हिस्सा है, दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है। यह एफिल टावर से 35 मीटर ऊँचा है और इसकी ऊँचाई 359 मीटर है। यह पुल कटरा और बनिहाल के बीच रेल मार्ग को जोड़ता है और इसकी लंबाई 1.3 किमी है।
अंजी खड्ड ब्रिज: यह भारत का पहला केबल-स्टे रेलवे ब्रिज है, जो कटरा और रियासी के बीच स्थित है। इसे 11 महीनों में पूरा किया गया और इसमें 96 हाई-टेंसिल केबल का उपयोग किया गया।
सुरंग टी-50: यह भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग है, जिसकी लंबाई 12.77 किमी है।
पीर पंजाल रेल सुरंग: यह भारत की दूसरी सबसे लंबी सुरंग है, जिसकी लंबाई 11.22 किमी है।
सुरंग टी-44: यह देश की तीसरी सबसे लंबी रेलवे सुरंग है, जिसकी लंबाई 11.13 किमी है।
विशाल सुरंग नेटवर्क: इस प्रोजेक्ट के तहत 36 मुख्य सुरंगें और 8 निकास सुरंगें बनाई गई हैं, जिनकी कुल लंबाई 186 किलोमीटर से अधिक है।