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उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की अनोखी कहानी

उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे का निर्णय पहले से तय माना जा रहा है, लेकिन इसकी समय सीमा को लेकर कुछ भ्रम है। 20 जुलाई को आयोजित एक पार्टी के बाद, 21 जुलाई को उनका इस्तीफा सामने आया। इस घटना की समयरेखा और इसके पीछे के कारणों को जानने के लिए पढ़ें। क्या यह एक पूर्वनिर्धारित निर्णय था? जानें पूरी कहानी।
 

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: एक पूर्वनिर्धारित निर्णय?

उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे का निर्णय पहले से ही तय माना जा रहा है, लेकिन इसकी समय सीमा को लेकर कुछ भ्रम है। जानकारी के अनुसार, 20 जुलाई को उन्होंने अपनी पत्नी के जन्मदिन पर एक भव्य पार्टी का आयोजन किया था, जिसमें राज्यसभा के अधिकारियों और संसद टीवी के सभी सदस्यों को आमंत्रित किया गया था। कई लोग इसे विदाई पार्टी के रूप में देख रहे हैं। संभव है कि उन्होंने पहले से ही इस्तीफे का मन बना लिया हो, लेकिन 21 जुलाई को दोपहर एक बजे से चार बजे के बीच कुछ ऐसा घटित हुआ, जिसके चलते रात आठ बजे उनका इस्तीफा सामने आया। इस घटना की समयरेखा काफी दिलचस्प है।


सोमवार को दोपहर साढ़े 12 बजे राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में कई मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाई, जिसके बाद यह तय किया गया कि बैठक को फिर से चार बजे आयोजित किया जाएगा। इस बैठक में राज्यसभा के नेता जेपी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू भी शामिल हुए थे। लेकिन जब चार बजे की बैठक हुई, तो ये दोनों नेता उपस्थित नहीं हुए। उप राष्ट्रपति के चैम्बर में कार्य मंत्रणा समिति के अध्यक्ष ने इनका इंतजार किया, लेकिन नड्डा और रिजिजू नहीं आए। यह सवाल उठ रहा है कि एक बजे से चार बजे के बीच ऐसा क्या हुआ कि संसदीय कार्य मंत्री भी सभापति की बैठक में नहीं पहुंचे?