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उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: बीजेडी, बीआरएस और एसएडी का बहिष्कार

उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 में बीजू जनता दल (BJD), भारत राष्ट्र समिति (BRS) और शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने चुनाव से दूरी बनाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के पीछे किसानों की समस्याओं और राजनीतिक समीकरणों का बड़ा हाथ है। जानें कि यह निर्णय चुनाव के परिणामों को कैसे प्रभावित कर सकता है और सीटों का गणित क्या है। मतदान 9 सितंबर को होगा, जिसमें NDA और विपक्ष के उम्मीदवार आमने-सामने होंगे।
 

उपराष्ट्रपति चुनाव में नया मोड़

उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: उपराष्ट्रपति चुनाव में हालात दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गए हैं। चुनाव से एक दिन पहले, ओडिशा की बीजू जनता दल (BJD), तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति (BRS), और पंजाब के शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने चुनाव में भाग न लेने का निर्णय लिया है। इन पार्टियों के नेता अब उम्मीदवारों को वोट नहीं देंगे। पहले बीजेडी ने मतदान से दूर रहने का ऐलान किया था।


बीआरएस का निर्णय

इसके बाद, बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव ने चुनाव से दूरी बनाने का निर्णय लिया। अब SAD ने भी चुनाव का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। केटीआर ने बताया कि यह निर्णय पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बैठक में लिया गया। सभी राज्यसभा सांसदों को इस बारे में सूचित किया जा चुका है और उन्हें वोट न करने के लिए कहा गया है। बीआरएस और बीजेडी के हटने से उपराष्ट्रपति चुनाव के समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं।


सीटों का गणित

बीआरएस के पास राज्यसभा में 4 सांसद हैं, जबकि लोकसभा में इसका कोई सांसद नहीं है। दूसरी ओर, बीजेडी के पास लोकसभा में 7 सांसद हैं, लेकिन राज्यसभा में कोई सदस्य नहीं है। SAD के पास लोकसभा में एक सांसद है। इस प्रकार, इन तीनों पार्टियों के चुनाव से हटने के कारण कुल 12 सांसद कम हो गए हैं। पहले कुल 782 सांसदों में से जीत के लिए 392 वोटों की आवश्यकता थी। अब 12 सांसदों के हटने से कुल 770 सांसद ही वोट देंगे, जिसके लिए 386 वोटों की जरूरत होगी।


बीआरएस का बहिष्कार का कारण

बीआरएस ने 2022 में उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष का समर्थन किया था, लेकिन इस बार पार्टी ने किसानों की समस्याओं के कारण चुनाव से दूर रहने का निर्णय लिया है। पार्टी ने केंद्र की बीजेपी और राज्य की कांग्रेस सरकार पर किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। बीआरएस का कहना है कि अगर चुनाव में नोटा का विकल्प होता, तो वे इसका समर्थन करते।


बीजेडी और SAD का निर्णय

बीजेडी के इस निर्णय के पीछे वक्फ संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में मतदान का मामला है। पार्टी ने पहले इस विधेयक के पक्ष में मतदान किया था, जिसके कारण उसे विपक्षी दलों की आलोचना का सामना करना पड़ा। बीजेडी ने यह निर्णय इसलिए लिया ताकि उसके सांसद इस बार किसी विवाद में न पड़ें। वहीं, SAD ने पंजाब में बाढ़ की स्थिति के कारण चुनाव से दूर रहने का निर्णय लिया है।


मतदान की प्रक्रिया

उपराष्ट्रपति का चुनाव 9 सितंबर को होगा। मतदान सुबह 10 बजे से शुरू होगा और शाम 5 बजे तक चलेगा। वोटों की गिनती शाम 6 बजे से होगी। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन हैं, जबकि विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी हैं।