उपराष्ट्रपति चुनाव परिणाम: विपक्षी एकता पर उठे सवाल, क्या है क्रॉस वोटिंग का सच?
उपराष्ट्रपति चुनाव परिणाम
उपराष्ट्रपति चुनाव परिणाम: हालिया उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजों ने विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक की एकता पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुधर्शन रेड्डी को अपेक्षित समर्थन नहीं मिला, साथ ही 15 से अधिक वोट भी अमान्य घोषित हुए। इस घटनाक्रम ने विपक्षी खेमे में बेचैनी और आंतरिक चर्चाओं को जन्म दिया है। विपक्ष इसे जानबूझकर की गई वोट अमान्यता का मामला मान रहा है, जबकि कुछ नेताओं ने क्रॉस वोटिंग की संभावना भी जताई है। यह मुद्दा अब राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है.
क्रॉस वोटिंग की आशंका से बढ़ी चिंता
क्रॉस वोटिंग की आशंका से बढ़ी चिंता
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस घटनाक्रम को गंभीर बताया और कहा कि यदि क्रॉस वोटिंग हुई है, तो INDIA ब्लॉक के सभी घटक दलों को इसकी गंभीरता से जांच करनी चाहिए। क्रॉस वोटिंग एक गंभीर मुद्दा है। यदि जो बातें सामने आ रही हैं उनमें सच्चाई है, तो इसकी एक व्यवस्थित और गहन जांच होनी चाहिए.
अमान्य वोटों ने विपक्ष को किया परेशान
अमान्य वोटों ने विपक्ष को किया परेशान
चुनाव में विपक्ष के बूथ एजेंट और कांग्रेस सांसद सभा मणिकम टैगोर ने कहा कि अमान्य वोटों ने विपक्ष को गहरा आघात पहुंचाया है। हमारे 15 वोट अवैध पाए गए। कुछ ने इधर टिक कर दिया, तो कुछ ने दूसरे कॉलम में 'वन' लिख दिया। इस तरह अलग-अलग तरीकों से वोट अमान्य हुए। यही सबसे बड़ी कहानी है जिसे समझना होगा.
शिवसेना सांसद पर शक, NDA में जाने की चर्चा
शिवसेना सांसद पर शक, NDA में जाने की चर्चा
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, शिवसेना (UBT) के एक सांसद पर संदेह जताया जा रहा है कि उन्होंने जानबूझकर ऐसा वोट डाला जो अमान्य हो सके। सूत्रों के अनुसार, वह सांसद पहले से ही NDA में शामिल होने की योजना बना रहे हैं, जिससे विपक्षी खेमे की बेचैनी और बढ़ गई है.
उम्मीद और मिले हुए वोट
उम्मीद और मिले हुए वोट
विपक्ष को इस चुनाव में कम से कम 315 वोटों की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें केवल 300 वोट मिले। यह आंकड़ा स्पष्ट करता है कि या तो कुछ सदस्यों ने वोट नहीं डाला या फिर जानबूझकर अमान्य वोट डाले गए। यह घटनाक्रम कुछ साल पहले हरियाणा के विधायकों द्वारा राज्यसभा चुनाव में अपने ही उम्मीदवार को हराने के लिए अनधिकृत पेन का इस्तेमाल कर अमान्य वोट डालने की घटना की याद दिलाता है। उस समय भी विपक्षी एकता पर सवाल उठे थे.