उपराष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग का रहस्य: 15 सांसदों ने किया मतदान
उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया पूरी हुई
उपराष्ट्रपति के चुनाव का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है। एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को 452 सांसदों के समर्थन से नया उपराष्ट्रपति चुना गया। इस चुनाव में कुल 767 सांसदों ने भाग लिया, जिनमें से 15 वोट अमान्य हो गए। विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को केवल 300 वोट प्राप्त हुए। जानकारी के अनुसार, विपक्ष के 15 सांसदों ने क्रॉस वोटिंग करते हुए सीपी राधाकृष्णन के पक्ष में मतदान किया। इस चुनाव के परिणामों के साथ ही एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठता है कि आखिरकार क्रॉस वोटिंग कैसे हुई और किन सांसदों ने विपक्ष के साथ विश्वासघात किया।
क्रॉस वोटिंग करने वाले सांसदों की पहचान
यह जानना संभव नहीं है कि किस सांसद ने क्रॉस वोटिंग की, जब तक कि वे स्वयं इसका खुलासा न करें। चुनाव आयोग इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखने के लिए सांसदों की पहचान छिपाने का प्रयास करता है, ताकि किसी भी पार्टी को नुकसान न पहुंचे। उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया बेहद गोपनीय होती है। केवल राज्यसभा और लोकसभा के सांसद ही गुप्त मतदान के माध्यम से वोट डाल सकते हैं।
गोपनीय मतदान की प्रक्रिया
सांसदों को दिए जाने वाले बैलेट पेपर पर एक सीरियल नंबर होता है। हालांकि, मतपेटी में डालने से पहले इस नंबर को रंगकर मिटा दिया जाता है, ताकि किसी सांसद की पहचान उजागर न हो सके। बैलेट पेपर पर उम्मीदवारों के नाम के सामने बॉक्स होते हैं, जहां सांसद अपनी पसंद के अनुसार अंकों में 1 और 2 लिख सकते हैं। वे चाहें तो केवल अपनी पहली पसंद भी लिख सकते हैं, लेकिन शब्दों में नहीं।