उपराष्ट्रपति चुनाव में लालू यादव और न्यायमूर्ति रेड्डी की मुलाकात पर भाजपा की कड़ी प्रतिक्रिया
उपराष्ट्रपति चुनाव की पृष्ठभूमि
उपराष्ट्रपति चुनाव: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उपराष्ट्रपति पद के लिए इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार, पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुदर्शन बी रेड्डी की बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से मुलाकात पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा ने इसे "सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी पर एक चौंकाने वाला बयान" करार दिया है। यह घटना 9 सितंबर को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव से ठीक एक दिन पहले हुई, जिसने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है.
लालू प्रसाद यादव ने अपने पटना स्थित आवास पर न्यायमूर्ति रेड्डी से मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं। उन्होंने लिखा, "उपराष्ट्रपति पद के संयुक्त उम्मीदवार न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी हालचाल जानने पटना स्थित उनके आवास पर आए।" इस मुलाकात ने विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तनाव को और बढ़ा दिया। लालू, जो चारा घोटाले में दोषी ठहराए गए हैं और वर्तमान में संसद सदस्य नहीं हैं, उनके साथ रेड्डी की मुलाकात को भाजपा ने अनुचित ठहराया.
तेजस्वी यादव का बयान
इस मामले पर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और RJD नेता तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, 'बी सुदर्शन रेड्डी को सभी सांसदों का समर्थन मिलेगा और वे संविधान की रक्षा करेंगे.'
रेड्डी की भावुक अपील
चुनाव से पहले इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार रेड्डी ने एक वीडियो संदेश जारी कर सांसदों से भावनात्मक अपील की। उन्होंने कहा, "आप जो भी फैसला लेंगे, मैं उसे स्वीकार करने के लिए तैयार हूं। देश सबका है। इस देश को सुरक्षित रखना मुझसे ज्यादा आपकी जिम्मेदारी है." उनकी यह अपील न केवल सांसदों के दिलों को छूने की कोशिश है, बल्कि देश की एकता और सुरक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है.
भाजपा की कड़ी प्रतिक्रिया
भाजपा के आईटी प्रभारी अमित मालवीय ने इस मुलाकात पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, "सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और इंडिया गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी ने हाल ही में चारा घोटाले के दोषी लालू प्रसाद से मुलाकात की, जो संसद सदस्य भी नहीं हैं और उपराष्ट्रपति चुनाव में उनका कोई वोट नहीं है." उन्होंने आगे कहा, "यह सिर्फ़ एक भयावह दिखावा नहीं है, बल्कि एक उच्च संवैधानिक पद के आकांक्षी व्यक्ति द्वारा सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी पर दिया गया एक चौंकाने वाला बयान है. इससे भी ज़्यादा चौंकाने वाली बात है 'सामान्य संदिग्धों' - सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और संवैधानिक नैतिकता के स्वयंभू संरक्षकों - की चुप्पी. उनका पाखंड उजागर हो गया है."
उपराष्ट्रपति चुनाव का पृष्ठभूमि
9 सितंबर को होने वाला उपराष्ट्रपति चुनाव राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार न्यायमूर्ति बी सुदर्शन रेड्डी के बीच है। यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को अचानक इस्तीफे के बाद हो रहा है, जिन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था। हालांकि, विपक्षी नेताओं ने धनखड़ के इस्तीफे पर सवाल उठाए और दावा किया कि नेताओं के बीच मतभेदों के कारण उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.