×

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: क्या है इसके पीछे की कहानी?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य समस्याओं के चलते अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। यह घटना भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है, क्योंकि धनखड़ तीसरे उपराष्ट्रपति हैं जिन्होंने कार्यकाल के बीच में इस्तीफा दिया। जानें उनके इस्तीफे का कारण और इसके पीछे की कहानी। क्या यह भारतीय राजनीति में एक नया अध्याय है?
 

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा

जगदीप धनखड़ का इस्तीफा: सोमवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया। उन्होंने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपा, जिससे राजनीतिक हलकों में इस अप्रत्याशित कदम को लेकर चर्चाएं शुरू हो गईं। यह घटना भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है, क्योंकि धनखड़ तीसरे उपराष्ट्रपति हैं जिन्होंने अपने कार्यकाल के बीच में इस्तीफा दिया है। इससे पहले, वी.वी. गिरि और रामास्वामी वेंकटरमन ने भी ऐसा किया था, लेकिन दोनों बाद में राष्ट्रपति बने थे.


धनखड़ का कार्यकाल और इस्तीफे का कारण

जगदीप धनखड़ ने 2022 में उपराष्ट्रपति के रूप में एक ऐतिहासिक जीत हासिल की थी और उन्होंने देश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उपराष्ट्रपति बनने से पहले, वह 2019 से 2022 तक पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे। 21 जुलाई, 2025 को उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 67(A) का उल्लेख करते हुए अपने इस्तीफे की घोषणा की। राष्ट्रपति को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, 'मैं स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहा हूं।'


भारत के पहले उपराष्ट्रपति का इस्तीफा

भारत के पहले उपराष्ट्रपति वी.वी. गिरि थे, जिन्होंने 1969 में स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति चुनाव लड़ा और उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया। इसके बाद रामास्वामी वेंकटरमन ने भी कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा दिया था। 1987 में उन्हें कांग्रेस द्वारा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में चुना गया था। हालांकि, गिरि और वेंकटरमन दोनों उपराष्ट्रपति से राष्ट्रपति पद तक पहुंचे, लेकिन क्या धनखड़ भी इसी रास्ते पर आगे बढ़ेंगे, यह एक बड़ा सवाल है.