उमा भारती ने भोपाल में उठाए कई मुद्दे: पाकिस्तान से लेकर लव जिहाद तक
उमा भारती की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा
भाजपा की प्रमुख नेता और मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने शनिवार को भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने गौरक्षा, शराबबंदी, सिंहस्थ-2028 की भूमि नीति, लव जिहाद, हिंदू राष्ट्र की अवधारणा और मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यकाल पर विस्तार से चर्चा की।
पाकिस्तान पर उमा भारती की राय
उमा भारती ने कहा कि पाकिस्तान भारत के लिए कोई वास्तविक चुनौती नहीं है, बल्कि देश के अंदर व्याप्त भ्रष्टाचार और आर्थिक असमानता असली खतरे हैं। गौरक्षा के मुद्दे पर उन्होंने सुझाव दिया कि गायों की रक्षा के लिए किसानों को गोपालन से जोड़ना सबसे प्रभावी उपाय है। इसके अलावा, सड़क दुर्घटनाओं में गौ-मौत को रोकने के लिए हाईवे और मुख्य सड़कों पर फेंसिंग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हुआ, तो वे इस मांग के लिए धरने पर भी बैठने को तैयार हैं।
शराबबंदी और सिंहस्थ 2028 पर उमा भारती के विचार
शराबबंदी के संदर्भ में, उमा भारती ने इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करने का समर्थन किया। उनका मानना है कि समाज में इस दिशा में जागरूकता बढ़ रही है, जिससे पूर्ण शराबबंदी संभव हो सकेगी। सिंहस्थ 2028 के लिए लैंड पूलिंग योजना पर उन्होंने कड़ा विरोध जताते हुए कहा कि इसे पूरी तरह से रद्द कर देना चाहिए। उनका मानना है कि सिंहस्थ महाकुंभ की परंपरा पहले से ही स्थापित है, इसलिए नई व्यवस्था की आवश्यकता नहीं है।
लव जिहाद पर उमा भारती की स्थिति
लव जिहाद के मुद्दे पर उमा भारती ने कहा कि यदि कोई युवक अपनी पहचान छुपाकर किसी लड़की से संबंध बनाता है और विवाह के बाद धर्म परिवर्तन का दबाव डालता है, तो यह लव जिहाद है। उन्होंने अंतर्जातीय विवाह का समर्थन किया, लेकिन जबरन धर्मांतरण को अस्वीकार्य बताया।
हिंदू राष्ट्र और मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यकाल पर उमा भारती की टिप्पणी
उमा भारती ने कहा कि भारत पहले से ही एक हिंदू राष्ट्र है, इसे घोषित करने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि इसे स्वीकार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हिंदू समाज की सहिष्णुता और विविधताओं का सम्मान भारत को धर्मनिरपेक्ष बनाता है। इसके साथ ही, उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव के कार्यकाल की सराहना की और कहा कि अब चुनौती यह है कि निवेश के प्रस्तावों को तेजी से लागू किया जाए और भ्रष्टाचार पर सख्त नियंत्रण रखा जाए।