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ऋषभ पंत की चोट ने भारत को चौथे टेस्ट में किया परेशान

भारत और इंग्लैंड के बीच चौथे टेस्ट में ऋषभ पंत की चोट ने टीम को बड़ा झटका दिया। पंत ने 37 रन बनाकर रिटायर्ड हर्ट होकर अस्पताल भेजे गए। उनकी चोट की गंभीरता का पता स्कैन रिपोर्ट से चलेगा। जानें ICC के कन्कशन नियम और पंत की संभावित वापसी के बारे में।
 

ऋषभ पंत की चोट का बड़ा झटका

ऋषभ पंत की चोट: मैनचेस्टर में भारत और इंग्लैंड के बीच चल रहे चौथे टेस्ट के पहले दिन टीम इंडिया को एक गंभीर झटका लगा। स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत चोट के कारण मैदान से बाहर चले गए। उन्होंने 48 गेंदों में 37 रन बनाए और रिटायर्ड हर्ट होकर अस्पताल भेजे गए, जहां उनके पैर का स्कैन किया गया। उनकी चोट की गंभीरता पर अभी कोई अपडेट नहीं आया है। 


चोट लगने की घटना

भारतीय पारी के 68वें ओवर में क्रिस वोक्स की गेंद पर पंत ने रिवर्स स्वीप खेलने का प्रयास किया, लेकिन गेंद उनके बल्ले से टकराने के बजाय सीधे उनके दाहिने पैर पर जा लगी। पंत दर्द में गिर पड़े, उनके पैर में सूजन आ गई और खून भी निकलने लगा। फिजियो ने तुरंत उनकी जांच की, लेकिन पंत चलने में असमर्थ थे। अंततः, उन्हें गोल्फ कार्ट के माध्यम से मैदान से बाहर ले जाया गया और स्कैन के लिए अस्पताल भेजा गया। 


पंत की वापसी पर अनिश्चितता

ऋषभ पंत की वापसी पर सस्पेंस: पंत की चोट की गंभीरता का पता स्कैन रिपोर्ट के बाद ही चलेगा। यदि उनकी चोट हल्की है, तो वह दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए लौट सकते हैं, क्योंकि वह रिटायर्ड हर्ट हैं, न कि रिटायर्ड आउट। ICC के नियमों के अनुसार, रिटायर्ड हर्ट बल्लेबाज बाद में अपनी पारी जारी रख सकता है, जबकि रिटायर्ड आउट होने पर वह दोबारा बल्लेबाजी नहीं कर सकता। 


ICC के कन्कशन नियम

क्या कहता है ICC का कन्कशन नियम? ICC के नियमों के अनुसार, कन्कशन सब्स्टीट्यूट तब मिलता है जब किसी खिलाड़ी को सिर में चोट लगी हो और वह खेल जारी रखने में असमर्थ हो। ऐसी स्थिति में, खिलाड़ी को सिरदर्द, चक्कर या धुंधला दिखने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इस मामले में उसी तरह के खिलाड़ी को रिप्लेसमेंट के तौर पर लाया जाता है। 


यदि पंत की चोट सिर से संबंधित होती, तो उनकी जगह ध्रुव जुरेल जैसे विकेटकीपर को शामिल किया जा सकता था, जो इंग्लैंड की पारी में विकेटकीपिंग भी कर सकते थे। लेकिन चूंकि पंत को पैर में चोट लगी है, इसलिए भारत को कन्कशन सब्स्टीट्यूट नहीं मिलेगा। हालांकि, भारत को एक सब्स्टीट्यूट फील्डर मिल सकता है, जो बल्लेबाजी नहीं कर सकेगा।