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एकनाथ शिंदे की 7 महत्वपूर्ण बैठकों से अनुपस्थिति पर राजनीतिक चर्चाएं तेज

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 4 जून को प्रस्तावित 7 महत्वपूर्ण बैठकों में से किसी में भी भाग नहीं लेने का निर्णय लिया है, जिससे राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गई हैं। शिंदे के मंत्रियों ने डिप्टी सीएम अजीत पवार के खिलाफ शिकायत की थी, जिसके बाद उनकी अनुपस्थिति को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। क्या यह महायुति में किसी बड़ी रणनीति का हिस्सा है? जानें इस स्थिति के पीछे की पूरी कहानी।
 

शिवसेना गुट में असंतोष

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के कई मंत्री उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से असंतुष्ट हैं। इस असंतोष के चलते, एकनाथ शिंदे ने अपने मंत्रियों के साथ बैठक की और उन्हें समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।


4 जून की बैठकों में अनुपस्थिति

हाल ही में यह जानकारी सामने आई है कि एकनाथ शिंदे 4 जून को होने वाली 7 महत्वपूर्ण बैठकों में से किसी में भी भाग नहीं लेंगे। उनके इस निर्णय ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। हालांकि, उनके कार्यालय की ओर से इस अनुपस्थिति पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।


4 जून को प्रस्तावित बैठकें

दोपहर 12:30 बजे: मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक। स्थान: सह्याद्री अतिथिगृह, मलबार हिल, मुंबई।


दोपहर 1:00 बजे: विधि एवं विधान शाखा के लोगो का अनावरण और संबंधित पुस्तकों का विमोचन। स्थान: सह्याद्री अतिथिगृह, मलबार हिल, मुंबई।


दोपहर 1:30 बजे: वृक्षारोपण अभियान संबंधी बैठक। स्थान: सह्याद्री अतिथिगृह, मलबार हिल, मुंबई।


दोपहर 3:30 बजे: रोजगार गारंटी योजना विभाग की समीक्षा बैठक। स्थान: कक्ष क्रमांक 02, सह्याद्री अतिथिगृह, मलबार हिल, मुंबई।


शाम 4:15 बजे: फलोत्पादन विभाग की समीक्षा बैठक। स्थान: कक्ष क्रमांक 02, सह्याद्री अतिथिगृह, मलबार हिल, मुंबई।


शाम 4:45 बजे: सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक। स्थान: कक्ष क्रमांक 02, सह्याद्री अतिथिगृह, मलबार हिल, मुंबई।


शाम 5:30 बजे: आदिवासी और नक्सल प्रभावित जिलों में कार्यरत चिकित्सा अधिकारियों की बैठक। स्थान: कक्ष क्रमांक 02, सह्याद्री अतिथिगृह, मलबार हिल, मुंबई।


मंत्रियों की शिकायतें

सूत्रों के अनुसार, एकनाथ शिंदे गुट के मंत्रियों ने डिप्टी सीएम अजित पवार के खिलाफ शिकायत की है। उनका आरोप है कि पवार उनके विकास कार्यों में बाधा डालते हैं। इस शिकायत के बाद, शिंदे ने बैठक में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया। इस स्थिति ने यह सवाल उठाया है कि क्या महायुति में सब कुछ ठीक चल रहा है। कुछ लोग इसे शिंदे की किसी बड़ी रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं, खासकर जब महाराष्ट्र में चुनावी समीकरण बदलते जा रहे हैं।